महाराष्ट्र के लेटर बम मामले में मु्बई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को किसी भी तरह के निर्देश देने से इनकार कर दिया कि मामले की सुनवाई कल की जाए. कोर्ट में कहा कि यह हाई कोर्ट तय करेगा.
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने कहा कि जो आरोप लगे हैं वो गंभीर है, इसमें कोई शक नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस सुधार पर शीर्ष अदालत के फैसले को लागू नहीं किया गया है. पुलिस सुधारों का मुद्दा तभी उठता है जब कुछ राजनीतिक स्थिति सामने होती है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम अनुच्छेद 32 के तहत जो कर सकते हैं वो हाईकोर्ट 226 के तहत क्यों नहीं कर सकता? उनको भी तो वही अधिकार है.
याचिका में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी. साथ ही भी राज्य सरकार के उस आदेश को भी रद्द करने की मांग की थी जिसके तहत उनका ट्रांसफर मुम्बई पुलिस कमिश्नर के पद से हुआ था. साथ ही मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार के उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने पर रोक लगाए. परमबीर सिंह ने कहा था कि देशमुख के घर की सीसीटीवी फुटेज तुरंत सीज की जाए.
बता दें, उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित निवास के पास एक चार पहिया गाड़ी में विस्फोटक मिलने और फिर गाड़ी के संभावित मालिक मनसुख हीरेन की संदिग्ध मौत की जांच चल रही है. मामले में 'अक्षम्य गलतियां' करने के आरोप में मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह को होमगार्ड विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया था. इसके बाद परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि उन्होंने कई पुलिस अफसरों के सामने 100 करोड़ के वसूली का लक्ष्य रखा था.
Video : महाराष्ट्र में सियासी भूचाल के बीच मुंबई पुलिस में बड़ा फेरबदल
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