मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने पत्र लिखकर राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि उन्हें वसूली का टारगेट दिया गया था. इस पत्र के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया था. विपक्षी दल गृहमंत्री से पद से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि आरोप गंभीर हैं, लेकिन इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता. सरकार ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने वाले पर सख्त कार्रवाई होगी.
इसी सियासी भूचाल के बीच बुधवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित भाजपा के बड़े नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने पहुंचे. इन नेताओं में सुधीर मुनगंटीवार, आशीष शेलार, विखे पाटील, जयकुमार रावल, चंद्रकांत पाटिल, मंगल प्रभात लोढ़ा और प्रवीण दरेकर शामिल हैं. पार्टी की तरफ से मिलने की वजह अभी साफ नही की गई है. ऐसा बताया जा रहा है कि राज्य के वर्तमान हालात से राज्यपाल को अवगत कराने के लिए ये मुलाकात की जा रही है.
Mumbai: Delegation of BJP leaders led by Devendra Fadnavis met Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhavan and handed over their memorandum pic.twitter.com/beeR22ZZhd
— ANI (@ANI) March 24, 2021
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वहीं, सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ ‘‘निष्पक्ष एवं स्वतंत्र'' सीबीआई जांच की मांग करने वाली मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा. याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ के समक्ष आएगी. परमबीर सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने याचिका के जरिए न्यायालय से मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को ‘मनमाना' और ‘गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है.
इस मामले में भाजपा महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि तीन दलों के गठबंधन से चल रही महाराष्ट्र सरकार ‘‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए'' है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली यह सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने राज्य के गृह मंत्री के ऊपर 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का लक्ष्य देने का आरोप लगाया है.
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