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महाराष्ट्र निकाय चुनाव में 17 EVM तोड़कर दोबारा हुई वोटिंग? हंगामे के बाद चुनाव अधिकारी पर गाज

राजनीतिक दलों का आरोप है कि गोंदिया जिले की सालेकसा नगर पंचायत में मतदान खत्म होने के बाद 17 EVM मशीनों की सील तोड़कर दोबारा वोटिंग कराई गई.

महाराष्ट्र निकाय चुनाव में 17 EVM तोड़कर दोबारा हुई वोटिंग? हंगामे के बाद चुनाव अधिकारी पर गाज
  • महाराष्ट्र के गोंदिया में स्थानीय चुनाव के दौरान 17 EVM की सील तोड़कर फिर से वोटिंग का आरोप है
  • आरोप ये भी है कि EVM को स्ट्रांग रूम तक लाने के लिए एक प्रत्याशी के निजी वाहन का इस्तेमाल किया गया
  • निर्वाचन अधिकारी मोनिका कांबले का तबादला किया गया है, लेकिन पार्टियां उन्हें सस्पेंड करने की मांग कर रही हैं
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महाराष्ट्र के गोंदिया में स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान 17 EVM मशीनों की सील तोड़कर दोबारा वोटिंग कराने का चौंकाने वाला आरोप सामने आया है. राजनीतिक दलों के विरोध और हंगामे के बाद निर्वाचन अधिकारी मोनिका कांबले के तबादले का आदेश जारी किया गया है. हालांकि पार्टियां इससे संतुष्ट नहीं हैं और उन्हें निलंबित करके केस दर्ज कराने की मांग कर रही हैं. राज्य चुनाव आयोग ने पूरे मामले पर केंद्रीय चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है. 

तहसील कार्यालय पर पार्टियों का मोर्चा

लगभग सभी राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर तहसील कार्यालय पर इस मामले को लेकर जबरदस्त मोर्चा निकाला. हालांकि इसमें बीजेपी शामिल नहीं थी. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि चुनाव अधिकारी मोनिका कांबले और अन्य दोषी कर्मचारियों का तबादला नहीं बल्कि तत्काल निलंबन किया जाए और उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए. 

कांग्रेस ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

कांग्रेस पार्टी इस मामले को जोरशोर से उठा रही है. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने ईवीएम हैकिंग और चुनावों में गड़बड़ी के गंभीर आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. 

गोंदिया, सांगली में गड़बड़ी के आरोप

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए 2 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. लेकिन नतीजे आने से पहले ही गोंदिया और सांगली से ईवीएम में गड़बड़ी के गंभीर आरोप सामने आए हैं. राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गोंदिया जिले की सालेकसा नगर पंचायत में मतदान खत्म होने के बाद 17 EVM मशीनों की सील तोड़कर दोबारा वोटिंग कराई गई. 

प्रत्याशी की गाड़ी में ले जाई गईं EVM?

इतना ही नहीं, आरोप ये भी है कि ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम तक लाने के लिए नगराध्यक्ष पद के एक प्रत्याशी राजेंद्र बड़ोले की निजी शिक्षा संस्था के वाहन का इस्तेमाल किया गया. इसे लेकर भी राजनीतिक दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है. 

हंगामे के बाद पुलिस को देना पड़ा दखल

इसे लेकर स्ट्रांगरूम के बाहर काफी हंगामा भी हुआ. यह गड़बड़ी उस वक्त सामने आई, जब मतदान के बाद EVM को स्ट्रांगरूम में रखा जा रहा था. इस घटना से तनाव बढ़ गया और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. अब इस मामले में राजनीतिक दलों का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. 

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