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कोई तो बचाओ इसे... जब एकाएक खुला डैम का गेट और बीच नदी में फंस गया मजदूर, देखें फिर क्या हुआ

दूसरी ओर से कुछ मजदूरों ने एक बड़ा, मोटा पाइप रस्सी की तरह इस्तेमाल करते हुए पोकलैंड मशीन पर फेंका. पोकलैंड ऑपरेटर ने हिम्मत दिखाते हुए, बहते पानी के बीच उस पाइप को कसकर पकड़ लिया.

कोई तो बचाओ इसे... जब एकाएक खुला डैम का गेट और बीच नदी में फंस गया मजदूर, देखें फिर क्या हुआ
  • विकासनगर के इच्छाड़ी डैम पर अचानक भारी पानी छोड़े जाने से मरम्मत कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई थी
  • पानी में फंसे पोकलैंड मशीन ऑपरेटर को मजदूरों ने मोटे पाइप की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला था
  • घटना के समय निगम के सिविल विंग के अधिकारी या कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं थे
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"अरे रस्सी लाओ...कूदों मत... पाइप पकड़... कोई बचाओ इसे..." ये उन मजदूरों के शब्द हैं, जो अपने साथी को बचाने के लिए डैम में हुंकार भरते हुए पानी के पास खड़े थे. कहते हैं अगर मुश्किल से हारना नहीं सीखा तो अंत में जीत जज्बे की ही होती है. भगवान भी उनका साथ देते हैं, जो खुद पर भरोसा कम नहीं होने देते. ऐसा ही कुछ नजारा विकासनगर मे टोंस नदी पर मौजूद इच्छाड़ी डैम के पास देखा गया, जहां एक ऑपरेटर ने अपने साथियों के साथ मिलकर मौत को हरा दिया.

विकासनगर में टोंस नदी पर बने इच्छाड़ी डैम से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद डाउनस्ट्रीम में मरम्मत का काम कर रहे मजदूरों के बीच अफरा-तफरी मच गई. मंगलवार शाम घटी इस घटना में, डैम के ठीक सामने पोकलैंड मशीन चला रहे एक ऑपरेटर की जान बाल-बाल बची. मौके पर मौजूद साथी मजदूरों की तुरंत मदद और बहादुरी की वजह से यह बड़ा हादसा टल गया. इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

क्या था पूरा मामला

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पानी के अचानक और तेज बहाव के बीच पीली रंग की पोकलैंड मशीन नदी में लगभग पूरी तरह डूब चुकी है और ऑपरेटर मशीन के अगले हिस्से पर चढ़कर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा है. पानी का बहाव इतना तेज था कि वह अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहा था. गनीमत यह रही कि घटना के समय बड़ी संख्या में मजदूर मौके पर मौजूद थे. शुरुआत में, कुछ मजदूरों ने सीढ़ी लेकर मदद के लिए भागना शुरू किया, लेकिन पानी के बहाव और दूरी के कारण सीढ़ी फंसे हुए ऑपरेटर तक नहीं पहुंच सकी. तभी, दूसरी ओर से कुछ मजदूरों ने एक बड़ा, मोटा पाइप रस्सी की तरह इस्तेमाल करते हुए पोकलैंड मशीन पर फेंका. पोकलैंड ऑपरेटर ने हिम्मत दिखाते हुए, बहते पानी के बीच उस पाइप को कसकर पकड़ लिया.

निगम के सिविल विंग पर सवाल

जानकारी के मुताबिक, जिस समय यह जानलेवा घटना हुई, उस समय निगम के सिविल विंग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था. खैर, मजदूरों की बहादुरी से जान तो बच गई, लेकिन इस गंभीर लापरवाही की जांच जरूरी है.

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