महाराष्ट्र में सरकार बचाने के लिए आंकड़ों का गणित दिन पर दिन उद्धव ठाकरे की मश्किलें बढ़ाता दिख रहा है. शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंद ने दावा किया है कि उनके पास कुल 42 विधायक हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर अगले कुछ दिनों में विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है तो क्या उद्धव ठाकरे अपनी महाअघाड़ी की सरकार को बचा पाएंगे?
गुरुवार को शिवसेना की हुई बैठक में महज 13 विधायकों ने हिस्सा लिया. एकनाथ शिंदे के गुट में 37 विधायकों का समर्थन है.
महाराष्ट्र विधानसभा की अगर बात करें तो इसमें शिवसेना के पास 55 और एनसीपी के पास 51 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं और बीजेपी के पास 106 विधायक हैं. वहीं अन्य के पास 27 विधायक हैं. विधानसभा की गणित के अनुसार शिंदे अगर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं तो अभी उनके पास बहुमत है.लेकिन एक तरफ इस बात की संभावना है कि शिवसेना के दोनों ही गुटों के बीच समझौता हो जाए और उद्धव ठाकरे यह कहते हुए बीजेपी के साथ चले जाए कि मेरे विधायक बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं.
एकनाथ शिंदे की तरफ से भी अभी तक पार्टी से अलग होने की बात नहीं कही गयी है बल्कि उनका कहना है कि वो ही असली शिवसेना हैं. लेकिन उनकी शर्त है कि बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाया जाए. वो कांग्रेस और एनसीपी के साथ सहज नहीं हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे के पास 1 ही विकल्प हैं या तो वो अपनी पार्टी को बचा लें या अपनी सरकार को बचाने का प्रयास करें.
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खबरों की खबर: उद्धव ठाकरे पार्टी बचाएंगे या सरकार?
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