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कुंभ की कुंजी: महाकुंभ में कैसी है सुरक्षा व्यवस्था? चप्पे-चप्पे पर होगी पुलिस, आसमान से भी रखी जाएगी नजर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'डिजिटल महाकुंभ' को 'साइबर सेफ' महाकुंभ बनाने के भी निर्देश दिए हैं. जिसपर काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस श्रद्धालुओ को साइबर अपराधियों से बचाने और उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही की रणनीति बना रही है.

कुंभ की कुंजी: महाकुंभ में कैसी है सुरक्षा व्यवस्था? चप्पे-चप्पे पर होगी पुलिस, आसमान से भी रखी जाएगी नजर
हाकुंभ में श्रद्धालुओं को साइबर अपराध से बचने के लिए एक व्यापक जागरुकता कैंपेन भी लॉन्च किया जाएगा.
नई दिल्ली:

महाकुंभ में जल, थल से लेकर आसमान तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है. नदी में नाव तो आसमान में ड्रोन से पहरेदारी होगी, तो वहीं घुड़सवार पुलिस मेले की लगातार निगरानी करेगी. यानी सुरक्षा व्यवस्था एकमद हाईटेक होगी. इसके अलावा महाकुंभ को 'साइबर सेफ' बनाने का काम भी किया जा रहा है. अगर आप महाकुंभ जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो बिना किसी डर के यहां जा सकते हैं. आज कुंभ की कुंजी में हम आपको महाकुंभ में कैसी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, इसके बारे में बताने जा रहे हैं. 

पानी में निगरानी करेंगे ड्रोन

प्रयागराज में आगामी महाकुंभ के दौरान संगम क्षेत्र में पहली बार चौबीस घंटे निगरानी के लिए पानी में गोता लगाकर 100 मीटर गहराई तक निगरानी करने में सक्षम ‘अंडरवाटर ड्रोन' तैनात किए जाएंगे.

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एआई (AI) वाले 2,700 कैमरों की तैनाती भी की जाएगी और कड़ी सुरक्षा के तहत प्रवेश बिंदुओं पर चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग किया जाएगा. 56 साइबर विशेषज्ञों की एक टीम ऑनलाइन खतरों की निगरानी करेगी. सभी पुलिस थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किए जा रहे हैं.

महाकुंभ में घुड़सवार

घुड़सवार पुलिस भीड़ को नियंत्रण करने का काम करेगी. पुलिस के जवान घोड़े की पीठ पर सवार होकर इलाके या स्थान विशेष पर गस्त करेंगे. घोड़े पर सवार पुलिस के जवानों को ऊंचाई का लाभ मिलेगा और वो भीड़ नियंत्रण का काम बखूबी कर सकेंगे. महाकुंभ में इसके लिए कई नस्लों के घोड़े मंगवाए जा चुके हैं.

  • घोड़ों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
  • ट्रैफिक नियंत्रण करने का काम भी पुलिस करेगी.
  • यह घोड़े पानी, पुल और जमीन सब जगह पर चलेंगे.
  • इसके अलावा किसी की तबीयत खराब होने पर उसको अस्पताल पहुंचाना आदि जैसे अहम कार्यों की जिम्मेदारी भी इन पुलिसकर्मियों को दी जाएगी.
महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. महाकुंभ में पूरे विश्व से 40 करोड़ श्रद्धालुओ के आने का अनुमान है.

'साइबर सेफ' होगा महाकुंभ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'डिजिटल महाकुंभ' को 'साइबर सेफ' महाकुंभ बनाने के भी निर्देश दिए हैं. जिसपर काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस श्रद्धालुओ को साइबर अपराधियों से बचाने और उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही की रणनीति बना रही है. इसके साथ ही महाकुंभ में श्रद्धालुओं को साइबर अपराध से बचने के लिए एक व्यापक जागरुकता कैंपेन भी लॉन्च किया जाएगा.

13 अस्थाई पुलिस थाने और 23 चौकियां स्थापित की जा रही हैं. इसके अलावा पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी, बम निरोधक दस्ता और अन्य फ़ोर्स भी तैनात रहेगी. प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस के शहरी और ग्राणीण क्षेत्रों में लगभग 10 हज़ार पुलिस फोर्स तैनात की जा रही है.

तरुण गाबा

पुलिस कमिश्नर प्रयागराज

महाकुंभ को देखते हुए प्रयागराज में 57 थाने होंगे. रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, एयरपोर्ट और अन्य मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित मेला क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए  नए अस्थाई थाने और चौकियां स्थापित की हैं.

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