
- भारत अब वैश्विक इनोवेशन हब के रूप में उभर रहा है और रक्षा, स्वास्थ्य तथा डिजिटल टेक्नोलॉजी में उपलब्धियां है
- HAL तेजस भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है जो अत्याधुनिक एवियोनिक्स से लैस है
- आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम ने भारत की स्ट्रैटेजिक सुरक्षा को मजबूत किया है और इनकी रेंज विश्वस्तरीय हैं
भारत अब केवल एक बाजार नहीं, बल्कि वैश्विक इनोवेशन हब के रूप में उभर रहा है. रक्षा से लेकर स्वास्थ्य, डिजिटल टेक्नोलॉजी से लेकर अंतरिक्ष तक, भारत ने ऐसे स्वदेशी इनोवेशन किए हैं जो न केवल आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं बल्कि दुनिया के लिए भी मिसाल बन रहे हैं. हाल के वर्षों में देश ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं. स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान ने भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाई है, जबकि आकाश और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों ने भारत को दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों की कतार में खड़ा किया है.
तकनीक की दुनिया में IIT मद्रास द्वारा विकसित विक्रम प्रोसेसर ने भारत को चिप निर्माण में आत्मनिर्भर बनाया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में, भारत ने COVID-19 के दौरान कोवैक्सिन और दुनिया की पहली DNA आधारित वैक्सीन ZyCoV-D विकसित कर मेडिकल साइंस में नई इबारत लिखी है. डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में, UPI ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में डिजिटल पेमेंट की परिभाषा बदल दी है. ये उपलब्धियां साबित करती हैं कि भारत अब इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के हर क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है.
तेजस लड़ाकू विमान (HAL Tejas)
HAL तेजस भारत का पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिजाइन और विकसित किया है. यह चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड और प्रिसिजन स्ट्राइक जैसी क्षमताएं हैं. तेजस हल्का, फुर्तीला और अत्याधुनिक एवियोनिक्स से लैस है, जो इसे विश्वस्तरीय बनाता है. भारतीय वायुसेना ने पहले ही तेजस के कई स्क्वाड्रन शामिल कर लिए हैं और इसे निर्यात करने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं. तेजस की सफलता भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की बड़ी छलांग है.

आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम
आकाश एक स्वदेशी एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के विमानों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराने में सक्षम है. यह भारतीय सेना और वायुसेना में तैनात है और इसकी रेंज 25–30 किमी तक है. वहीं, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत-रूस की संयुक्त परियोजना है, लेकिन इसका निर्माण भारत में होता है. 290 किमी से ज्यादा रेंज वाली यह मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना तेज चलती है और इसे दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल माना जाता है. ये दोनों मिसाइल सिस्टम भारत की स्ट्रैटेजिक ताकत को कई गुना बढ़ा चुके हैं.

विक्रम प्रोसेसर (RISC-V आधारित चिप)
IIT मद्रास ने भारत का पहला स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर “विक्रम” विकसित किया है, जो RISC-V ओपन-सोर्स आर्किटेक्चर पर आधारित है. यह भारत को चिप मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेसर डिजाइन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है. विक्रम प्रोसेसर का इस्तेमाल डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और कम्युनिकेशन डिवाइस में किया जा सकता है. अब तक भारत माइक्रोप्रोसेसर तकनीक के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर था, लेकिन विक्रम के आने से भारत चिप निर्माण में भी वैश्विक खिलाड़ी बनने की ओर बढ़ रहा है.

कोवैक्सिन और DNA आधारित वैक्सीन
COVID-19 महामारी के दौरान भारत ने न केवल रिकॉर्ड समय में स्वदेशी वैक्सीन “Covaxin” विकसित की, बल्कि दुनिया की पहली DNA आधारित वैक्सीन ZyCoV-D भी बनाई. Covaxin भारत बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर तैयार की थी और इसने भारत को महामारी से लड़ने में आत्मनिर्भर बनाया. वहीं, ZyCoV-D ने वैक्सीन टेक्नोलॉजी में भारत को वैश्विक पायदान पर खड़ा किया. इन दोनों वैक्सीनों ने भारत को “फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड” की उपाधि दिलाई, क्योंकि भारत ने सस्ती दरों पर करोड़ों डोज अन्य देशों को भी उपलब्ध कराईं.

UPI और डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत की डिजिटल क्रांति का सबसे बड़ा चेहरा है. 2016 में लॉन्च हुआ UPI अब दुनिया का सबसे तेज, सस्ता और सुरक्षित डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बन चुका है. हर महीने अरबों ट्रांजैक्शन होने के बावजूद इसकी तकनीक विश्वस्तरीय और भरोसेमंद है. सिंगापुर, UAE और फ्रांस जैसे कई देशों ने भारत की UPI तकनीक को अपनाना शुरू कर दिया है. यह सिर्फ फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता का प्रतीक है.
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