कहते हैं दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से ही होकर गुज़रता है. हो भी क्यों न, जिस राज्य में 80 सीटें हों, वहां कौन सी ऐसी पार्टी होगी जो कोई कोर कसर छोड़ना चाहेगी. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाक़ी बचे 3 चरणों के चुनाव के लिए यूपी में अपना पूरा ज़ोर लगा दिया है. आज (गुरुवार को) प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी के चार शहरों में जनसभा करके बता दिया कि वो एक-एक सीट के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ने वाले.
पीएम मोदी 73 साल की उम्र में भी एक-एक दिन में चार-चार रैलियां कर रहे हैं. 40 डिग्री के तापमान में भी जनसभाएं कर रहे हैं. ये करना कतई आसान नहीं है. लेकिन पीएम मोदी ये हर रोज करके दिखा रहे हैं. पीएम मोदी ने गुरुवार को भी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़, आजमगढ़, जौनपुर और भदोही में जनसभा की.
यूं तो प्रधानमंत्री मोदी की सभाओं की मांग यूपी के हर लोकसभा सीट से आई है. लेकिन पीएम जितना संभव हो रहा, इतनी सभाएं यूपी में कर रहे हैं. पूर्वांचल पर पीएम का ख़ास ज़ोर इसलिए है क्योंकि पिछले चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के सामने पूर्वांचल की घोसी, गाज़ीपुर, जौनपुर, अम्बेडकरनगर, आज़मगढ़ और लालगंज सीट बीजेपी नहीं जीत पाई थी. इस बार माना जा रहा है कि ज़्यादातर सीटों पर लड़ाई बीजेपी बनाम इंडिया गठबंधन के बीच है.
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में लोकसभा की 26 सीटें आती है. घनी आबादी वाले यूपी के इस हिस्से में जातियों का प्रभाव भी बहुत ज़्यादा है. इसीलिए यूपी में बीजेपी के 4 सहयोगियों में से लोकदल को छोड़कर सुभासपा, अपना दल और निषाद पार्टी का प्रभाव इसी हिस्से में दिखता है. ख़ुद पीएम मोदी पूर्वांचल की वाराणसी सीट से तीसरी बार मैदान में हैं वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसी पूर्वांचल के गोरखपुर से आते हैं.
आज की चार रैलियों के बाद पीएम यूपी में कुछ और सीटों पर रैली और रोड शो कर सकते हैं. सातवें चरण में ख़ुद पीएम मोदी और सीएम योगी के गढ़ में चुनाव है. ऐसे में पश्चिम से शुरू हुई पीएम के कार्यक्रम ने जैसे जैसे पूरब का रूख़ किया, वैसे वैसे माहौल बदला हुआ सा ज़रूर दिखाई दे रहा है.
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