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This Article is From Apr 22, 2024

Exclusive: "कांग्रेस ने तो पहले ही मानी हार" - CM मोहन यादव ने बताया कैसे PM मोदी को देंगे 29 सीटों की 'गारंटी'

NDTV के साथ बातचीत में सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपनी सरकार की उपलब्धियों गिनाई. उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में कई बदलाव हुए हैं. हमने शिक्षा के क्षेत्र में काफी कुछ बदला हैं. पीएम मोदी ने बहुत सहयोग दिया है. मैं वीआईपी कल्चर के खिलाफ हूं. धार्मिक क्षेत्र में भी मेरी सरकार ने कई काम किए हैं."

भोपाल:

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले कांग्रेस-बीजेपी (Congress-BJP) के टॉप नेताओं की रैलियों के भाषणों पर गौर करें तो पता चलता है कि दोनों का फोकस किसान, गरीब और महिलाओं पर हैं. 2019 के चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 में 28 सीटें जीतने वाली बीजेपी यहां क्लीन स्वीप की उम्मीद कर रही है. दूसरी ओर कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद दिग्गजों के साथ चुनावी मैदान में है. यहां की 6 सीटों पर पहले फेज का मतदान हो चुका है. बाकी सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग होनी है. क्या राज्य में इस बार भी बीजेपी का डंका बजेगा? क्या इस बार भी मोदी मैजिक (Modi Magic) काम करेगा? इन्हीं सवालों को लेकर NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान मोहन यादव ने कहा कि एमपी में मोदी का जादू चलेगा. पीएम मोदी के मन में एमपी है और एमपी के मन में मोदी है. मोहन यादव ने राज्य में एंटी इंकमबेंसी से भी इनकार किया है.

CM मोहन यादव ने कहा, "कांग्रेस ने तो चुनाव से पहले ही हार मान ली है. कांग्रेस का डाउनफॉल लगातार जारी है. उसने पहली बार तब मैदान छोड़ा, जब खजुराहो सीट सपा को दे दी गई. इससे साफ है कि पार्टी क्लियर हारने वाली है. सपा ने भी मामला फंसा दिया. अब कुल मिलाकर वहां कैंडिडेट ही नहीं है. कांग्रेस को पता है कि उनकी हार तय है."

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एमपी की जनता देगी 29 में से 29 सीटों की गारंटी
NDTV के साथ बातचीत में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, "निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर इस बार बीजेपी का डंका बजेगा. प्रदेश की जनता ने पीएम मोदी के 10 साल के कार्यकाल को देखा है. 2014 के चुनाव में एमपी में बीजेपी ने 27 सीटें जीती थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब साथ आ गए हैं. स्वभाविक तौर पर गुना सीट भी अब बीजेपी के पास है. अब सिर्फ 29वीं सीट छिंदवाड़ा बची है. जनता का मिजाज पता चल रहा है, उससे साफ है कि हम छिंदवाड़ा भी जीतने जा रहे हैं."

19 अप्रैल को पहले फेज की वोटिंग में छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट, शहडोल, सीधी और जबलपुर में वोटिंग हो चुकी है. छिंदवाड़ा में कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ मैदान में हैं. 

बीजेपी जनता की हिमायती- मोहन यादव
बीजेपी जनता की हिमायती है. ये लोकतंत्र की हिमायती भी है. बीजेपी में हर जाति के नेता हैं. हमारी पार्टी को भारत के मान-सम्मान की चिंता है. संविधान की चिंता है.

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राज्य में नहीं है एंटी इंकमबेंसी
राज्य में तीसरे बार की इंकमबेंसी है? क्या चुनाव में इसका असर दिखेगा? इसके जवाब में मोहन यादव कहते हैं, "ऐसा हो ही नहीं सकता. ये संभव ही नहीं है. पीएम मोदी के काम से एमपी की जनता खुश है. नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में एक स्लोगन चलाया गया था- एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी. ये सुपर हिट हुआ. बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों के दावे खारिज हो गए, जो एमपी में बीजेपी के हारने की बात कर रहे थे. 2003 से बीजेपी की यहां सरकार है. सिर्फ सवा साल कांग्रेस के शासन को छोड़कर देखें, तो बीजेपी को ही जनता का प्यार और भरोसा मिला है. मोदी जी को लेकर कोई एंटी इंकमबेंसी वाला मामला नहीं है. उसका लाभ ही मिल रहा है."    

51 पर्सेंट के ऊपर जाएगा वोट शेयर
लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर को लेकर एमपी के सीएम ने कहा, "वोट शेयर तो बहुत साफ है. अगर लेटेस्ट में देखें, तो पिछले चुनाव में हमारा वोट शेयर 44 पर्सेंट था. इस बार हम 48 पर्सेंट पर गए. अब 51 पर्सेंट के ऊपर जाना है. निश्चित तौर पर वोट शेयर बढ़ने वाला है. क्योंकि कांग्रेस डाउन जा रही है."

गिनाईं अपनी सरकार की उपलब्धियां
NDTV के साथ बातचीत में सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में कई बदलाव हुए हैं. हमने शिक्षा के क्षेत्र में काफी कुछ बदला हैं. पीएम मोदी ने बहुत सहयोग दिया है. मैं वीआईपी कल्चर के खिलाफ हूं. धार्मिक क्षेत्र में भी मेरी सरकार ने कई काम किए हैं."

बीजेपी के नैरेटिव में कोई बदलाव नहीं
क्या बीजेपी के नैरेटिव में कोई बदलाव आया है? इसके जवाब में मोहन यादव ने कहा, "हमारे नैरेटिव में कोई परिवर्तन नहीं आया. हमारी सोच बहुत साफ है. पीएम मोदी अपने भाषणों में डबल इंजन की सरकार की बात करते हैं. हमारी सरकार एमपी में बन चुकी है. राज्य सरकार को केंद्र सरकार से भरपूर मदद और सहयोग मिल रहा है. उसी मदद को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. हमें केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना के लिए केंद्र से 45 हजार करोड़ का प्लान दिया गया है. केंद्र सरकार 90 फीसदी और बाकी 10 फीसदी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी. ये परियोजना बुंदेलखंड की तकदीर बदलने वाली परियोजना साबित होगी."

सीएम मोहन यादव ने कहा, "पानी का एक-एक बूंद खेती और घर के लिए काम आएगा. केंद्र सरकार की इन योजनाओं ने हमें लाभ मिल रहा है. शिक्षा हो या रोजगार... हेल्थ हो या टूरिज्म... केंद्र सरकार से हमें मदद मिल रही है. हमारा नैरेटिव मध्य प्रदेश के एक रोजगारपरक राज्य बनाना है. इसके साथ ही किसानों और दुग्ध उत्पादकों की जिंदगी में सुधार लाना है. उनके जरूरतों की पूर्ति करते हुए राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाना है."

महिलाओं के रोजगार पर हमारा फोकस
मोहन यादव ने कहा, "मेरा फोकस बहुत क्लियर है. हमारे पास किसानों की खेती के अलावा आय बढ़ाना है. इसके लिए दूध उत्पादन एक जरिया हो सकता है. इसके लिए हमने को-ऑपरेटिव सोसाइटी से बात की है. भारत सरकार के पशुपालन विभाग से भी बात की जा रही है. भौगोलिक नजरिए से हमारे प्रदेश में इंडस्ट्रिज की काफी संभावनाएं हैं. बुंदेलखंड जैसे बड़ी आबादी वाले बेल्ट में रेडिमेड गारमेंट्स की फैक्ट्री लगाकर रोजगार पैदा कर रहे हैं. खासतौर पर हमारा फोकस महिलाओं के रोजगार पर है. हमें सरकार की मदद से बड़े पैमाने पर रोजगारपरक उद्योग स्थापित करवाना है. मुख्यमंत्री बनने से पहले मैं शिक्षा मंत्री भी रहा हूं, हमारा पूरा फोकस रोज़गारपरक शिक्षा पर है."

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महाकाल के महालोक में नहीं लगने चाहिए FRP की मूर्तियां
मोहन यादव ने कहा, "महाकाल के महालोक में बड़े पैमाने पर भक्त आ रहे हैं. लेकिन यहां फाइबर रीइन्फोर्स प्लास्टिक (FRP) से बनी मूर्तियां लग गईं. कोई मंदिर में FRP की प्रतिमा नहीं लगनी चाहिए. इसे बदलने के लिए हमने मूर्ति शिल्पकार का वर्कशॉप लगा दिया. 2 से 4 साल में हम सारी मूर्तियां रिप्लेस कर देंगे." उन्होंने कहा, "मूर्ति शिल्प सिर्फ जयपुर में ही क्यों निर्भर होना चाहिए. हम इसे अपने यहां क्यों न डेवलप करें." यादव ने कहा, "महाकाल के महालोक के बाद से ओरछा या चित्रकूट में भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं. भगवान राम और कृष्ण की जहां जहां लीलाएं हुईं हैं...उन प्रत्येक स्थान को हम तीर्थ बना रहे हैं."

धार्मिक पर्यटन में भी रोजगार के मौके
सीएम मोहन यादव ने कहा, "हमारा फोकस धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ उसमें भी रोजगार के मौके तलाशना है. जैसे भगवान के वस्त्र बनाना. उनके आभूषण (ज्वेलरी) बनाना. इसी तरह के धार्मिक पर्यटन से जुड़े शिल्प में रोजगार जोड़ने पर हमारा फोकस है."

सरकार और समाज अलग-अलग नहीं
मोहन यादव ने कहा कि सरकार और समाज अलग-अलग नहीं हैं. समाज जिसको अच्छा समझे, वो सरकार चलाने में मज़ा आता है. पीएम मोदी के नेतृत्व और सहयोग से हम मध्य प्रदेश को ऐसी ही सरकार देने की कोशिश कर रहे हैं."

मेरे साथ सीनियर जूनियर का मसला नहीं
मोहन यादव ने कहा कि सरकार में आपको बेशक सीनियरों और जूनियरों के साथ काम करना पड़ता है. लेकिन मेरे साथ सीनियर जूनियर का मसला नहीं है. विराट कोहली जब टीम इंडिया के कैप्टन बनके आए, तो धोनी भी उनकी टीम में थे, वैसे ही सीनियर्स का मुझे पूरा सहयोग मिलता है."

मुझे VIP कल्चर पसंद नहीं
डॉ. मोहन यादव ने कहा, "मुझे VIP कल्चर पसंद नहीं हैं. मैं सीधा-सादा इंसान हूं. मैंने हूटर कल्चर को खत्म किया. मेरे काफिले में हूटर नहीं बजता. मेरा मानना है कि हम जैसे हैं वैसे ही पेश आए. हम क्यों दिखाएं कि हम कोई बड़े आदमी हैं. अभी भी जहां हूटर कल्चर है, उसे खत्म करना है."


मैं अंधविश्वास के बिल्कुल खिलाफ
मोहन यादव ने कहा, "मैं उज्जैन से आता हूं. मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी धार्मिक रही है. मुझे लगता है कि धार्मिक क्षेत्र में कई सारे मिथक हैं, जिन्हें हमें तोड़ना चाहिए. जैसे मिथक है कि उज्जैन में बाबा महाकाल के यहां कोई रात में नहीं रहेगा. मुझे ये सही नहीं लगा. महाकाल तो जन्मदाता हैं. वो हमारे पालक हैं. वो कैसे किसी की जान लेंगे? अगर उनकी टेढ़ी दृष्टि हुई, तो ब्रह्मांड में भी कोई नहीं बचेगा. मैंने महाकाल के यहां नहीं रुकने के मिथक को तोड़ा. मैं अंधविश्वास के बिल्कुल खिलाफ हूं. ये आज का समाज है. हमें भगवान पर भरोसा भी रखना चाहिए और भगवान की सच्ची बातों को लाने की कोशिश भी करनी चाहिए."

CM हाउस में परिवार के नहीं रहने की बताई वजह?
मोहन यादव ने इस वजह का भी खुलासा किया कि आखिर उनका परिवार उनके साथ सीएम हाउस में क्यों नहीं रहता है? उन्होंने कहा, "मेरा बेटा भोपाल में हॉस्टल में पढ़ रहा है. उसने MBBS कर लिया है और अब MS कर रहा है. मैं समझता हूं कि पढ़ाई का एक माहौल होता है. अगर वो सीएम हाउस में इस आबोहवा में रहेगा तो उसका उसर तो जरूर पड़ेगा. ऐसे माहौल में उसकी पढ़ाई कैसे होगी? उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब होगी. ऐसे में अगर उसे फोकस होकर पढ़ना है, तो अलग रहकर ही पढ़ना होगा. पढ़ाई पूरी करने के बाद जो भी करना है, ये उसका ही विचार होना चाहिए." 

बता दें कि मोहन यादव ने एमबीए किया है और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है. उनके परिवार में पत्नी सीमा यादव के अलावा दो बेटे और एक बेटी हैं. 

मोहन यादव ने बताया कि उनका एक बेटा और बेटी डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं. जबकि एक और बेटा लॉ स्टूडेंट हैं. उन्होंने कहा, "मैं पीएमटी में सिलेक्शन के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने चला गया था. बाद में कहा गया कि परिषद का चुनाव लड़ना है, तो मैं वापस आ गया. उस समय मेरी पारिवारिक स्थिति ऐसी थी कि वो सब कर पाया. अब बच्चों ने तय किया कि उन्हें डिग्री लेनी चाहिए. मैंने भी उसका सम्मान किया."


 

जितना बड़ा कद, उतनी बड़ी सावधानी
एमपी के सीएम ने कहा, "बेशक मेरा रवैया थोड़ा सख्त है. लेकिन हमें परिवार को चलाना है, तो उसके लिए जवाबदेही तय करनी पड़ती है. नहीं तो घालमेल हो जाएगा. मेरा मानना है कि जो जितना बड़ा बनता है, उतना ही उसे सावधानी भी रखनी चाहिए."

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