विज्ञापन
This Article is From Apr 22, 2024

Exclusive : CM हाउस में क्यों नहीं रखते अपना परिवार? MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताई वजह

एमपी के सीएम मोहन यादव ने कहा, "बेशक मेरा रवैया थोड़ा सख्त है. लेकिन हमें परिवार को चलाना है, तो उसके लिए जवाबदेही तय करनी पड़ती है. नहीं तो घालमेल हो जाएगा. मेरा मानना है कि जो जितना बड़ा बनता है, उतना ही उसे सावधानी भी रखनी चाहिए."

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) को मिली प्रचंड जीत के बाद 58 साल के मोहन यादव को नया सीएम बनाया गया. लोकसभा चुनाव में डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने मोदी का जादू (Modi Magic) चलने और एमपी में BJP को 29 में से 29 सीटें जीतने की गारंटी दी है. NDTV के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में मोहन यादव ने मोदी की गारंटी, केंद्र सरकार की उपलब्धियों और अपनी सरकार के कामों को लेकर विस्तार से बात की. इसके साथ ही उन्होंने अपने परिवार के बारे में भी दिलचस्प बातें शेयर कीं. मोहन यादव ने इस वजह का भी खुलासा किया कि आखिर उनका परिवार उनके साथ सीएम हाउस में क्यों नहीं रहता है?

NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ खास बातचीत में मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, "मेरा बेटा भोपाल में हॉस्टल में पढ़ रहा है. उसने MBBS कर लिया है और अब MS कर रहा है. मैं समझता हूं कि पढ़ाई का एक माहौल होता है. अगर वो सीएम हाउस में इस आबोहवा में रहेगा तो उसका उसर तो जरूर पड़ेगा. ऐसे माहौल में उसकी पढ़ाई कैसे होगी? उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब होगी. ऐसे में अगर उसे फोकस होकर पढ़ना है, तो अलग रहकर ही पढ़ना होगा. पढ़ाई पूरी करने के बाद जो भी करना है, ये उसका ही विचार होना चाहिए."

डॉ. मोहन यादव ने कहा, "मेरी बेटी ने भी  MBBS किया है. वो भी भोपाल में रहती थी. उस समय मैं जन विकास प्राधिकरण में पर्यटन विभाग का अध्यक्ष था. बाद में मैं मंत्री बना. तब भी मैंने कहा कि बच्चों को हॉस्टल में ही पढ़ना है. बच्चे भी मेरी इस बात से सहमत हैं. मुझे इस बात का संतोष है कि मेरे परिवार में इस बात को लेकर कोई दिक्कत नहीं है."

दिखावा पसंद नहीं
डॉ. मोहन यादव ने कहा, "मुझे दिखावा पसंद नहीं. मेरे बेटे की शादी हुई. आम तौर पर हम सोचते हैं कि शादी में हजार मेहमानों की भीड़ होनी चाहिए. लेकिन मेरा मानना है कि शादी तो 100 लोगों के बीच में भी की जा सकती है. बेटे की शादी में मैंने इसका ध्यान रखा. प्रतिमान (उदाहरण) हमें ही तैयार करना होगा."

जितना बड़ा कद, उतनी बड़ी सावधानी
एमपी के सीएम ने कहा, "बेशक मेरा रवैया थोड़ा सख्त है. लेकिन हमें परिवार को चलाना है, तो उसके लिए जवाबदेही तय करनी पड़ती है. नहीं तो घालमेल हो जाएगा. मेरा मानना है कि जो जितना बड़ा बनता है, उतना ही उसे सावधानी भी रखनी चाहिए."

बता दें कि मोहन यादव ने एमबीए किया है और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है. उनके परिवार में पत्नी सीमा यादव के अलावा दो बेटे और एक बेटी हैं. 

संघ के बेहद करीबी
छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले मोहन यादव बीजेपी के स्थापित नेता हैं. उज्जैन संभाग के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है. मोहन यादव वर्तमान में उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. वह शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री के पद में रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेहद करीबी हैं और ओबीसी का चेहरा भी. 
 

 उज्जैन दक्षिण सीट से 12 हजार वोटों से मिली थी जीत
मोहन यादव वर्ष 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से एमएलए बने थे. इसके बाद वर्ष 2018 में वे एक बार फिर विधायक बनने में कामयाब रहे. तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में वर्ष 2020 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. 2023 में भी मोहन यादव ने अपनी पारंपरिक उज्जैन दक्षिण सीट से असेंबली का चुनाव लड़ा था. शुरुआती 2 राउंड तक वे कांग्रेस के उम्मीदवार चेतन यादव से पीछे रहे. हालांकि इसके बाद उन्होंने बढ़त बनानी शुरू कर दी, जो आखिर तक टूट नहीं पाई. मोहन यादव इस चुनाव में 12 हजार 941 वोटों से जीते.


 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com