2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी इंडिया (INDIA) गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर जारी है. दिल्ली और पंजाब के बाद अब उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की बारी है. गौरतलब है कि इन 2 राज्यों से ही लोकसभा की 128 सीटें हैं. मुंबई में शिवसेना यूबीटी, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मंगलवार को बैठक हुई.
यूपी में सीट बंटवारे को लेकर बैठक की हुई शुरुआत
उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के बंटवारे के लिए भी मंगलवार शाम दिल्ली में एक बैठक हुई. यह बैठक कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक के आवास पर हुई. बैठक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय , कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे , समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव और जावेद अली खान पहुंचे थे. यह बैठक लगभग आधे घंटे तक चली. 12 जनवरी को फिर बैठक होने के संभावना व्यक्त की गयी है.
महाराष्ट्र और यूपी में सीट बंटवारा आसान नहीं
कांग्रेस पार्टी के लिए दोनों ही बातचीत कठिन मानी जा रही है. समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं रहे हैं. लेकिन महाराष्ट्र में तीनों दलों के बीच अच्छे रिश्तों के बाद भी सीट बंटवारे में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शिवसेना यूबीटी ने स्पष्ट कर दिया है कि गठबंधन में "सबसे बड़ी पार्टी" के रूप में वो 23 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.
23 सीटों पर शिवसेना यूबीटी का दावा
उद्धव ठाकरे की पार्टी के 23 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावों के बाद कांग्रेस और एनसीपी के पास आपस में बंटवारे के लिए महज 25 सीटें ही बच जाती है. बताते चलें कि महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस पार्टी लगातार कमजोर हुई है. 2019 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस को 288 सदस्यीय विधानसभा में केवल 44 सीटों पर जीत मिली थी.
यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में टकराव
वहीं दूसरी तरफ अगर बात उत्तर प्रदेश की करें तो समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की नरमी नहीं दिखाना चाहती है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच रिश्ते मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ के बयानों के बाद बिगड़ गए थे. सपा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से मध्यप्रदेश का बदला लेने के मुड में दिख रही है.
यूपी और महाराष्ट्र में पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिली थी हार
यूपी और महाराष्ट्र में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. यूपी में कांग्रेस को महज एक सीटों पर जीत मिली थी. सोनिया गांधी ही अपनी सीट बचाने में कामयाब रही थी राहुल गांधी भी चुनाव हार गए थे. वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस एनसीपी गठबंधन को शिवसेना और बीजेपी गठबंधन के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि इस चुनाव में हालात बदले हुए दिख रहे हैं. कांग्रेस दोनों ही राज्यों में मजबूत गठबंधन के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है.
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