देश के बाकी राज्यों के साथ ओडिशा में भी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2004) के तहत विभिन्न चरणों में वोटिंग हो रही है. यहां लोकसभा के साथ ही विधानसभा का भी चुनाव होता आया है. इस बार चुनाव से पहले काफी चर्चा थी कि बीजेपी (BJP) और बीजेडी (BJD) गठबंधन करेगी, लेकिन बताया जाता है कि अपनी राज्य ईकाई की सलाह मानते हुए बीजेपी गठबंधन से पीछे हट गई. ऐसे में बीजेपी को ज़मीन पर आखिर ऐसा क्या बदलाव दिख रहा है, जो इस कदर वो विश्वास से भरी हुई है.
ओडिशा में चुनाव के अहम सवाल- क्या नवीन पटनायक के विजय रथ को रोक पाएगी BJP?
- लोकसभा का 'महाप्रसाद' BJP को और विधानसभा का BJD को मिलेगा?
- दिग्गज उम्मीदवारों की फौज BJP को दिलाएगी जीत का आशीर्वाद?
- क्या नवीन पटनायक के करियर का ये सबसे कठिन चुनाव है?
- क्या कांग्रेस अपनी खोई ज़मीन वापस ले पाएगी?
उन्होंने कहा कि वोट प्रतिशत की बात करें तो अगर बीजेपी के पास पांच प्रतिशत वोट स्विंग हो गया तो वो 15 सीटें भी जीत सकती है. इसके लिए बीजेपी को बीजेडी के अपर कास्ट और दलित समाज के वोट बैंक में सेंध लगानी पड़ेगी.
लोकनीति के नेशनल कोऑर्डिनेटर संदीप शास्त्री ने कहा कि ओडिशा में इस बार स्प्लिट वोटिंग यानी राज्य में नवीन पटनायक तो केंद्र में नरेंद्र मोदी को वोट देने की चर्चा हो रही है. अगर ऐसा है तो ये ऐतिहासिक होगा, क्योंकि जब भी किसी राज्य में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ हुए हैं, तो मतदाताओं का रुझान ज्यादातर एक ही तरफ होता है.
संदीप शास्त्री ने कहा कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, ओडिशा में तीसरे नंबर पर दिख रही है. वहीं बीजेपी इस बार वहां बढ़त लेती दिख रही है. बीजेडी के मुकाबले बीजेपी का लोकसभा और विधानसभा में सीट जीतने का अनुपात ज्यादा बेहतर है.
अमित शाह का विधानसभा की 75 और लोकसभा की 15 सीटें जीतने का दावा
इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि चुनाव के बाद ओडि़शा भगवा हो जाएगा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा की 75 और लोकसभा की 15 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी. उन्होंने कहा कि ये चुनाव ओडिशा के गौरव, भाषा, संस्कृति और परंपरा के स्थापित करने के लिए है. शाह ने ये भी दावा किया कि ओडिशा की सरकार अधिकारी चला रहे हैं.
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