
- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले 14 टीमों का गठन कर जमीनी एकता का प्रदर्शन किया है
- इन टीमों में जेडीयू और बीजेपी के साथ-साथ सभी घटक दलों के नेता शामिल हैं
- टीमों का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क करना, चुनावी मुद्दों पर फीडबैक लेना है
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने जमीनी स्तर पर अपनी एकता का प्रदर्शन करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. बीजेपी, जेडीयू और सहयोगी दलों ने मिलकर ‘टीम-14' का गठन किया है. इन टीमों का मकसद कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क करना, चुनावी मुद्दों पर फीडबैक लेना और यह संदेश देना है कि एनडीए हर विधानसभा सीट पर एकजुट होकर लड़ रहा है.
जेडीयू और बीजेपी में बराबर बंटवारा
एनडीए ने कुल 14 टीमें बनाई हैं. इनमें से सात टीमों की कमान जेडीयू नेताओं को सौंपी गई है जबकि बाकी सात बीजेपी नेताओं के हाथों में है. खास बात यह है कि हर टीम में एनडीए के सभी घटक दलों जेडीयू, बीजेपी, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेताओं को शामिल किया गया है.
जेडीयू की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, मंत्री विजय चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर, मंत्री श्रवण कुमार, मंत्री अशोक चौधरी और मंत्री रत्नेश सदा टीमों की कमान संभालेंगे. वहीं बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और गिरिराज सिंह, सांसद संजय जायसवाल और मंत्री मंगल पांडेय को जिम्मेदारी दी गई है.
84 विधानसभा सीटों पर आयोजित होंगे कार्यक्रम
एनडीए ने तय किया है कि ये टीमें अगले एक हफ्ते में राज्य की 84 विधानसभा सीटों पर जाएंगी. वहां वे कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी, उन्हें चुनावी रणनीति बताएंगी और बूथ स्तर तक तालमेल बनाने पर जोर देंगी. साथ ही संभावित उम्मीदवारों को लेकर भी फीडबैक लिया जाएगा.
टीमों के जरिए कार्यकर्ताओं तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि चाहे वे किसी भी घटक दल से हों, उन्हें मिलकर एनडीए की जीत सुनिश्चित करनी है. नेताओं का कहना है कि इससे न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा बल्कि विपक्ष को भी स्पष्ट संदेश जाएगा कि एनडीए पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में है.
चुनावी मुद्दों पर चर्चा
इन बैठकों में एनडीए के साझा चुनावी मुद्दों पर भी चर्चा होगी। मसलन, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक कैसे पहुंचाना है, स्थानीय स्तर पर किन समस्याओं को प्रमुखता देनी है और विपक्ष के हमलों का किस तरह जवाब देना है. बीजेपी और जेडीयू के रणनीतिकारों का मानना है कि यह पहल न सिर्फ जमीनी तालमेल को बेहतर बनाएगी बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच किसी तरह की गुटबाजी की गुंजाइश भी कम करेगी.
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