दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के मंत्रिपरिषद की सलाह पर दिल्ली नगर निगम में 10 एल्डरमैन को नामित करना चाहिए. देश के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी एमसीडी में एल्डरमैन के नामांकन को चुनौती देने वाली आम आदमी सरकार की सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान की. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने उपराज्यपाल को गुरुवार को दिए गए संविधान पीठ के फैसले के मुताबिक नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है. अब इस मामले में 16 मई को सुनवाई होगी.
दरअसल, गुरुवार को संविधान पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन को चलाने वाले उपराज्यपाल के अधिकारों को सीमित किया था. संविधान पीठ ने कहा था कि उपराज्यपाल, मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करेंगे.
नया हलफनामा दाखिल करने की अनुमति
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर पहले के जवाब को वापस करने की अनुमति मांगी है, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. पीठ ने वकील को नया हलफनामा दाखिल करने की अनुमति देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 16 मई को तय की है.
उपराज्यपाल के अधिकार को चुनौती
दिल्ली सरकार ने एमसीडी में सदस्यों को मनोनीत करने के उपराज्यपाल के अधिकार को चुनौती दी है. आम आदमी पार्टी की सरकार ने आरोप लगाया है कि मंत्रिपरिषद की 'सहायता और सलाह' के बिना ऐसा किया गया. याचिका में एल्डरमैन के नामांकन को रद्द करने की मांग के अलावा एलजी के कार्यालय को दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा- 3 (3) (बी) (आई) के तहत सदस्यों को एमसीडी में नामित करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
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