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This Article is From May 12, 2023

SEBI पर आरोप लगाने के लिए याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा, कहा - कमेटी कर रही जांच

सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग केस की जांच के लिए SEBI द्वारा मांगे गए 6 माह के वक्त पर सोमवार को फ़ैसला सुनाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा, "सीधे SEBI पर आरोप मत लगाइए... कमेटी जांच कर ही रही है..."

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़ी याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बाज़ार नियामक SEBI पर विफलता का आरोप लगाने को लेकर याचिकाकर्ता को फटकार लगाई.

CJI डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला की स्पेशल बेंच में जारी सुनवाई के दौरान SEBI ने मामले की जांच के लिए अतिरिक्त वक्त की मांग की थी, तभी याचिकाकर्ता ने अब तक जांच नही कर पाने की बात कहते हुए इसे 'SEBI की विफलता' बताया.

इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा, "सीधे SEBI पर आरोप मत लगाइए... कमेटी जांच कर ही रही है कि SEBI की तरफ से कोई कमी रही या नहीं... यहां दी गई दलीलों का असर बाज़ार पर पड़ता है..."

SEBI ने मामले की जांच के लिए छह महीने का अतिरिक्त वक्त मांगा था, जिसके बाद कोर्ट का मानना था कि छह माह का वक्त ज़्यादा है. लेकिन सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि छह माह का वक्त 'कॉम्प्रैस्ड' वक्त है, और इस तरह के मामले की जांच के लिए ज़्यादा नहीं है. इस पर कोर्ट ने मामले में कोई भी आदेश जारी नहीं किया, और कहा कि मामले की अगली सुनवाई सोमवार (15 मई, 2023) को की जाएगी, और उसी दिन SEBI को वक्त दिए जाने पर फ़ैसला सुनाया जाएगा.

इससे पहले, सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया, "आवेदन में 12 लेनदेन को लेकर इस्तेमाल किया गया 'Suspicious' शब्द SEBI ने नहीं कहा, बल्कि यह हिंडनबर्ग की तरफ से लगाया गया आरोप है..." इसके अलावा, एक समय पर प्रशांत भूषण का कहना था कि SEBI से पूछा जाए कि अब तक क्या-क्या किया है. इस पर भी CJI ने कहा, "यह कोई क्रिमिनल केस नहीं है कि केस डायरी मांगी जाए..."

सुनवाई के दौरान SC ने कहा कि कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई जस्टिस सपरे कमेटी की रिपोर्ट दाखिल हो चुकी है, लेकिन वह फिलहाल पढ़ी नहीं गई है. कोर्ट ने कहा कि वीकेंड के दौरान रिपोर्ट पढ़ी जाएगी, और 15 मई, यानी सोमवार को SEBI को अतिरिक्त वक्त दिए जाने पर आदेश जारी किया जाएगा.

गौरतलब है कि हिंडनबर्ग मामले में देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 2 मार्च, 2023 को अहम फैसला सुनाते हुए छह-सदस्यीय जांच कमेटी के गठन का आदेश दिया था, जिसे दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी थी. सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस अभय मनोहर सपरे को सौंपी गई थी, और कमेटी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पूर्व चेयरमैन ओ.पी. भट, ICICI बैंक के पूर्व चैयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) के.वी. कामत, इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि, बॉम्बे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस जे.पी. देवधर तथा सिक्योरिटी लॉ एक्सपर्ट सोमशेखर सुंदरेशन शामिल थे.

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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