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DGCA में खाली पड़े पदों को... हवाई सुरक्षा के लिए खतरे को लेकर संसदीय समिति ने दिए कई अहम सुझाव

समिति ने कहा है कि DGCA ने तीर्थयात्रा संचालन (pilgrimage operations) के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, लेकिन केंद्र को निगरानी की सक्रियता बढ़ाना चाहिए.

DGCA में खाली पड़े पदों को... हवाई सुरक्षा के लिए खतरे को लेकर संसदीय समिति ने दिए कई अहम सुझाव
  • परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संसदीय समिति ने DGCA को पूर्ण प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता देने की सिफारिश की है
  • DGCA में तकनीकी कर्मचारियों की संख्या जारी पोस्टों के लगभग पचास प्रतिशत से कम है.
  • संसदीय समिति ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स के लिए रिस्क मैनेजमेंट विकसित करने की बात कही है.
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नई दिल्ली:

अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे के करीब दो महीने बाद परिवहन, पर्यटन और संस्‍कृति संबंधी संसदीय समिति ने संसद में अपनी ताजा रिपोर्ट पेश कर दी है. अपनी ताज़ा रिपोर्ट में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को पूर्ण प्रशासनिक (full administrative) और वित्तीय स्वायत्तता (financial autonomy) प्रदान करने के लिए एक समयबद्ध योजना  (time-bound plan) की सिफारिश की है. 

संसदीय समिति ने अपने "नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा की समग्र समीक्षा" रिपोर्ट में कहा है कि DGCA में अप्रभावी रिक्रूटमेंट मॉडल की वजह से तकनीकी कर्मचारियों की गंभीर कमी है, और इसे दूर करने के लिए उसे पूर्ण प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता देना ज़रूरी है. संसदीय समिति ने कहा है कि पिछली विशेषज्ञ समितियों ने इस तथ्य को उजागर किया था, लेकिन इसका अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 जुलाई, 2025 तक DGCA में टेक्निकल मैनपॉवर के कुल 1063 sanctioned पोस्ट थे, जिनमें से 553 पोस्ट ही भरे जा सके थे. यानि, DGCA में करीब 48% पोस्ट खाली पड़े हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक DGCA में 294 पोस्ट के लिए भर्ती की प्रक्रिया जारी थी. 6 महीने बाद भी DGCA में टेक्निकल मैनपॉवर की कुल संख्या 847 रहने का ही अनुमान है, कुल sanctioned पोस्ट से 216 कम!  

साथ ही समिति ने आगाह किया है कि अभी भर्ती और प्रशिक्षण क्षमता के बीच मिसमैच और ऑपरेशनल ओवरलोड की वजह से हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए निरंतर खतरा पैदा हो रहा है. समिति ने सिफारिश की है कि DGCA में बेहतर प्रतिभाओं को आकर्षित करने और इंडस्ट्री के अनुरूप वेतन निर्धारित (industry-commensurate salaries) करने के लिए उसे स्वायत्तता देना आवश्यक है। हालाँकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने समिति को एक प्रेजेंटेशन में बताया है कि DGCA द्वारा सीधी भर्ती पर अभी विचार नहीं किया जा रहा है.

रिपोर्ट में कुल बारह ऐसे प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र की निरंतर सुरक्षा और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रणालीगत सुधार की सिफारिश की गई है.

इसके तहत संसदीय समिति ने राष्ट्रीय स्तर पर Air Traffic Controllers के लिए Fatigue Risk Management System (FRMS) विकसित करने और व्यापक स्टाफिंग ऑडिट की भी सिफारिश की है. हेलीकॉप्टर संचालन के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल का मानकीकरण करने की बात भी है. संसदीय समिति ने सभी राज्यों द्वारा संचालित हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए एक समान राष्ट्रीय नियामक ढांचा और अनिवार्य, भू-क्षेत्र-विशिष्ट पायलट प्रशिक्षण की सिफारिश की है. 

हाल के दिनों में राज्य-स्तर की एजेंसियों के देख-रेख में आने वाले ज़्यादा जोखिम वाले वातावरण में हेलीकाप्टर दुर्घटनाओं का हवाला देते हुए समिति ने आगाह किया है कि इससे नियामक अस्पष्टता (regulatory ambiguity) उजागर होती है।

समिति ने कहा है कि DGCA ने तीर्थयात्रा संचालन (pilgrimage operations) के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, लेकिन केंद्र को निगरानी की सक्रियता बढ़ाना चाहिए. समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिविल एविएशन सेक्टर में निगरानी और प्रवर्तन तंत्र (Enforcement Mechanism) को मजबूत करने, ATC और एयरपोर्ट टेक्नोलॉजी का आधुनिकरण, pilot training infrastructure के विस्तार की भी सिफारिश की है.

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