विज्ञापन
This Article is From Feb 02, 2023

बजट में चार साल में मनरेगा को सबसे कम पैसा आवंटित, नीतीश कुमार ने साधा निशाना

मनरेगा के बजट में एक तिहाई की कटौती देखने को मिली है. मनेगा ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार की सबसे बड़ी स्कीम है. वर्ष 2022-23 में मनरेगा में काम मांगने वालों की संख्‍या 6 करोड़ से ज़्यादा थी. पिछले चार सालों में इस बार मनरेगा को सबसे कम बजट आवंटित किया गया है.

नीतीश कुमार के अनुसार, सप्तऋषि बिहार के सात निश्चय से मिलती-जुलती है

पटना : इस साल के बजट में ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) के लिए बजटीय आवंटन में पिछले साल की तुलना में लगभग एक तिहाई की कटौती की गई है. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है. राज्‍यों पर और अधिक भार बढ़ा दिया गया है.  

इस साल मनरेगा का बजट 61,032.65 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि 2022-23 में लगभग 89,154.65 करोड़ रुपए था.  इसका प्रभाव लाखों मजदूरों पर पड़ेगा, जिन्‍हें मनरेगा के तहत काम मिलने में पहले ही कमी देखने को मिल रहा है. नीतीश कुमार ने कहा हैं कि केंद्रीय बजट में सोशल सेक्टर ख़ासकर मनरेगा, किसान सम्मान निधि और राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के बजट में कटौती की गई है.

उनके अनुसार सबसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में कमी की गई हैं. नीतीश कुमार के अनुसार, सप्तऋषि बिहार के सात निश्चय का कॉपी हैं. लोगों के हित में कुछ काम नहीं हो रहा हैं. बजट में बिहार जैसे ग़रीब राज्य के लिए कुछ नहीं हैं. इन लोगों ने आम जनता के हित की योजनाओं में कमी की है और कुछ चीजों को तो ख़त्म ही कर दिया है. राज्यों पर और अधिक भार बढ़ाया गया हैं.

बता दें कि मनरेगा के बजट में एक तिहाई की कटौती देखने को मिली है. मनेगा ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार की सबसे बड़ी स्कीम है. वर्ष 2022-23 में मनरेगा में काम मांगने वालों की संख्‍या 6 करोड़ से ज़्यादा थी. पिछले चार सालों में इस बार मनरेगा को सबसे कम बजट आवंटित किया गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com