
- सुप्रीम कोर्ट में CJI बी आर गवई की कोर्ट में एक वकील ने जूता फेंकने का प्रयास किया था
- पुलिस ने हंगामा करने वाले वकील राकेश किशोर को कोर्ट रूम से बाहर निकालकर हिरासत में लिया है
- कोर्ट में इस घटना के दौरान CJI बी आर गवई ने शांतिपूर्ण तरीके से सुनवाई जारी रखी थी
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को CJI बी आर गवई की कोर्ट में वकील ने हंगामा किया. इस वकील ने CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की. पुलिस ने हंगामा करने वाले वकील को हिरासत में लिया है. इस दौरान अच्छी बात यह देखने को मिली कि पूरे हंगामे के बीच बीआर गवई शांत रहे और सुनवाई जारी रखी. पुलिस जब हंगामा करने वाले वकील को कोर्ट रूम से बाहर ले जा रही थी, तो वह सनातन से जुड़े नारे लगा रहा था.
CJI ने कहा- जाने दो...
सूत्रों की मानें तो जूता फेंकने की कोशिश करने वाले शख्स सीजेआई बीआर गवई कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं. सीजेआई ने रजिस्ट्री अफसरों से कहा, 'इस मामले को जाने दीजिए. मैं उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाना चाहता हूं.'
खबरों के मुताबिक, एक वकील डायस के नजदीक पहुंच गया और अपना जूता निकालकर जज की तरफ फेंकने की कोशिश कर रहा था. हालांकि, कोर्ट में मौजूद सुरक्षाबलों ने वकील को पकड़ लिया और उसे बाहर लेकर चले गए. जब वकील बाहर जा रहा था तो वो चिल्ला रहा था "सनातक का अपमान नहीं सहेंगे" आरोपी वकील को सुरक्षाबलों ने हिरासत में ले लिया है. आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर बताया जा रहा है.
चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश का मामला अब काफी तूल पकड़ रहा है. चीफ जस्टिस ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के अफसरों से मीटिंग की. उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों और अफसरों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की गई है. इस बैठक का मकसद था कि आरोपी वकील राकेश किशोर पर क्या कार्रवाई हो इसपर फैसला हो.
ये गलत सूचनाओं को फैलाने का नतीजा : SG तुषार मेहता
सीजेआई की कोर्ट में हुई इस घटना पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'मुख्य न्यायाधीश की अदालत में आज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. यह सोशल मीडिया में फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का नतीजा है. यह वाकई खुशी की बात है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने देश के सर्वोच्च न्यायालय की उदारता और गरिमा के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है. मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि इस उदारता को दूसरे लोग संस्था की कमज़ोरी न समझें. मैंने खुद मुख्य न्यायाधीश को सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों पर पूरी श्रद्धा से जाते देखा है. मुख्य न्यायाधीश ने भी इस स्थिति को स्पष्ट किया है. यह समझ से परे है कि एक बदमाश को आज ऐसा करने के लिए किसने उकसाया? ऐसा लगता है कि यह किसी ध्यान आकर्षित करने वाले और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए किया गया कृत्य है.
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