विज्ञापन

आर्म्स सप्लायर, शूटर, IT सेल के साथ-साथ लीगल टीम भी... ऐसे काम करता है लॉरेंस बिश्नोई का क्राइम गैंग

लॉरेंस गैंग में करीब 1000 लोग हैं. जिसमे शार्प शूटर्स, बदमाश, केरियर, सप्लायर, रैकी पर्सन, लॉजिस्टिक स्पोट ब्वॉय, शेल्टर मेन है. इसके साथ-साथ सोशल मीडिया के साथ-साथ लीगल टीम भी है. हर टीम और उस टीम में काम करने वाले हर बंदे का काम बंटा होता है. 

आर्म्स सप्लायर, शूटर, IT सेल के साथ-साथ लीगल टीम भी... ऐसे काम करता है लॉरेंस बिश्नोई का क्राइम गैंग
साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई.
  • लॉरेंस बिश्नोई को 2016 में दोबारा गिरफ्तार किया गया था और तब से वो जेल में है. फिर भी अपराध करवा रहा है.
  • गैंग का नेटवर्क कॉरपोरेट स्टाइल में चलता है जिसमें डिजिटल कम्युनिकेशन और अलग-अलग विभाग शामिल हैं.
  • गैंग के सदस्यों को केवल अपने कार्य की जानकारी होती है और वे एक-दूसरे के बारे में बहुत कम जानते हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

Lawrence Bishnoi Gang: भारत का कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई साल 2016 में दोबारा गिरफ्तार होने के बाद से जेल में हैं. उसे 2014 में पहली बार राजस्थान में गिरफ्तार करके भरतपुर जेल भेजा गया था. लेकिन पेशी के लिए मोहाली ले जाते समय वो भाग गया था. फिर 2016 में उसे गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद से वो लगातार जेल में ही है. लेकिन जेल में होने के बाद भी लॉरेंस बिश्नोई ना केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाता रहा है. लॉरेंस बिश्नोई का गैंग कैसे काम करता है, आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में.

Latest and Breaking News on NDTV

भाई की गिरफ्तारी से गैंग खत्म होने की चर्चा कोरी साबित हुई

हाल के दिनों में जब उसका भाई अनमोल बिश्नोई अमेरिका से भारत आने के बाद गिरफ्तार किया गया तो कहा जाने लगा कि लॉरेंस गैंग की कमर टूट गई है. लेकिन एक दिसंबर को चंडीगढ़ में इंदरप्रीत पैरी की हत्या करवा कर लॉरेंस गैंग ने यह साबित कर दिया कि अभी भी उसका नेटवर्क वैसा ही चल रहा है. 

रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़, शहजाद भट्टी जैसे लॉरेंस के कई पुराने साथी अब उसके दुश्मन बने बैठे हैं. लेकिन इन कुख्यात गैंगस्टरों की दुश्मनी के बाद भी लॉरेंस गैंग अपने मंसूबों को पूरा कर रहा है.  

लॉरेंस बिश्नोई का गैंग कॉरपोरेट स्टाइल में करता है काम

लॉरेंस बिश्नोई की क्राइम कंपनी को ट्रैक करने वाले अलग-अलग एजेंसी और पुलिस के अधिकारियों के अनुसार लॉरेंस गैंग में सब कुछ डिजिटल है, वर्चुअल है. लॉरेंस बिश्नोई का क्राइम सिंडिकेट बिल्कुल कॉरपोरेट स्टाइल में काम करता हैं. जहां रेकी पर्सन, आर्म्स सप्लायर, शूटर के साथ-साथ IT सेल और लीगल टीम भी है.

Latest and Breaking News on NDTV

सबसे खास बात यह है कि लॉरेंस गैंग में जुड़े हर एक शख्स को केवल अपने काम की जानकारी होती है. उसे उससे अधिक कुछ पता नहीं होता है. यही कारण है कि लॉरेंस गैंग को कंट्रोल कर पाना मुश्किल काम है. 

लॉरेंस गैंग के हर बंदे का काम बंटा होता है

लॉरेंस गैंग से जुड़े करीब 1000 लोग, जिसमे शार्प शूटर्स, बदमाश, केरियर, सप्लायर, रैकी पर्सन, लॉजिस्टिक स्पोट ब्वॉय, शेल्टर मेन है. इसके साथ-साथ सोशल मीडिया के साथ-साथ लीगल टीम भी है. हर टीम और उस टीम में काम करने वाले हर बंदे का काम बंटा होता है. 

गैंग के सारे टारगेट वर्चुअल नंबरों से ऑडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तय होते है. लॉरेंस कंपनी का हेड ऑफ द पर्सन है, यानी मुखिया है. 

गैंग का हर शख्स केवल अपने आगे एक शख्स को जानता है

कंपनी में हर टारगेट से जुड़ा शख्स केवल अपने आगे वाले एक शख्स को जनता है. इसके अलावा एक ऑपरेशन में जितने भी बन्दे गैंग के जुड़े होते है. उन्हें बाकी गैंग मेम्बर के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती है. गैंग के हर सदस्य को अलग-अलग काम सौंपा जाता है. 

Latest and Breaking News on NDTV

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का वर्किंग कल्चर

  • किससे वसूली करना है एक टास्क
  • किसकी रेकी करनी है दूसरा टास्क
  • किस गैंग मेंबर को शेल्टर देना है और कहा देना तीसरा टास्क
  • हथियार कहा से आएंगे चौथा टास्क
  • हथियार कहा रखे जाएंगे पांचवा टास्क
  • हथियार चलाएगा कौन टारगेट तक लेकर जाएगा 6ठां टास्क
  • हथियार चलाने के बाद किसे सौपना है 7वां टास्क
  • फंडिग कैसे होगी, काम पूरा होने के बाद उसकी जिम्मेवारी लेना, फिर कानूनी अड़चन आने पर लीगल टीम का एक्टिव होना.

सिग्नल एप के जरिए होती है बात

किलिंग के वक्त मौजूद गैंग मेम्बर भी अक्सर एक-दूसरे को नहीं जानते ताकि पकड़े जाने पर गैंग की कमर पर कानून की चाबुक न चल पाए. सब काम सिंग्नल एप के जरिए होता है. जहां बिना सिम के वर्चुअल नंबरों इंटनरेट के नंबरों से कंपनी की सारी डील्स सारे प्लान, सारे ऑपरेशन, सारे टारगेट फिक्स होते है.

Latest and Breaking News on NDTV

लॉरेंस बिश्नोई इमोशनल तौर पर युवाओं को अपने गैंग के लिए जोड़ता है. यही वजह है कि आज उसकी गैंग में 700 के करीब गैंगस्टर बदमाश औऱ सक्रिय सदस्य शॉर्प शूटर्स देश भर में मौजूद है. 

गैंग के साथियों की आर्थिक मदद भी करता है लॉरेंस

लॉरेंस गैंग के हर मेंबर को नहीं जानता है. लेकिन अगर उस तक गैंग से जुड़े किसी भी सदस्य को कोई आर्थिक दिक्कत या परिवार में दिक्कत आती है तो सब साजो सामान कैश लॉरेंस मुहैया करवाता है. गैंग मेंबर को जोड़े रखने यह पैतरा अपनाता है.

यह भी पढे़ं - दुनिया के 9 देश, भारत के 13 राज्य... कहां तक फैला है जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का 'अपराध साम्राज्य'

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com