- बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में 1000 करोड़ से अधिक लागत वाले 125 प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
- कोर्ट ने बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी को प्रदूषण फैलाने वालों में कानून का डर पैदा करने के लिए कहा है.
- बीएमसी ने बताया कि पिछले एक साल में 3497 स्टॉप वर्क नोटिस जारी किए गए, जिनमें से 1900 नोटिस वापस लिए गए.
मुंबई में बढ़ते निर्माण कार्यों और उनसे होने वाले प्रदूषण को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के कमिश्नर भूषण गगरानी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शहर में प्रदूषण फैलाने वालों के मन में कानून का डर होना चाहिए. सुनवाई के दौरान जब यह तथ्य सामने आया कि मुंबई में 1000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले लगभग 125 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, तो कोर्ट ने हैरानी जताई. कोर्ट ने कहा कि मुंबई कोई इतना बड़ा शहर नहीं है कि यहां 1000 करोड़ से ऊपर के 125 प्रोजेक्ट्स हों. यह आपकी नियंत्रण सीमा से बाहर जा चुका है. आपको और मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी.
BMC की ओर से तर्क दिया गया कि बीएमसी की ओर से पेश कामदार ने दलील दी कि जमीन की कीमतें बहुत ज्यादा होने के कारण प्रोजेक्ट की लागत इतनी बढ़ जाती है. एडवोकेट खंबाटा ने कहा कि अगर डेवलपर्स 1000 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, तो वे प्रदूषण रोकने के उपाय भी अपना सकते हैं.
कोर्ट ने बीएमसी कमिश्नर को निर्देश दिया कि अगले दो हफ्तों तक 1000 करोड़ से ऊपर के किसी भी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी न दी जाए. साथ ही, फील्ड पर काम करने वाले दस्तों (Squads) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए.
कोर्ट ने कहा कि आपकी टीमें दिन-रात काम क्यों नहीं कर रही हैं? उल्लंघन करने वालों में डर पैदा करने के लिए आपको एक ठोस तरीका विकसित करना होगा. खुद साइट्स का दौरा करें.
बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी ने कोर्ट को बताया कि पिछले एक साल में प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर 3497 'स्टॉप वर्क' नोटिस जारी किए गए हैं. इनमें से 1900 साइट्स पर सुधार के बाद नोटिस वापस लिए गए. वहीं, MPCB ने बताया कि मुंबई के 22 सीमेंट (RMC) प्लांट्स की जांच की गई, जिनमें से 7 में कमियां पाई गईं और 5 लाख रुपये की बैंक गारंटी जब्त की गई.
निरीक्षण में पारदर्शिता लाने के लिए कोर्ट ने दिलचस्प सुझाव दिए
- लॉटरी सिस्टम : कौन सा दस्ता (Squad) किस साइट पर जाएगा, यह लॉटरी से तय हो ताकि गोपनीयता बनी रहे
- तकनीकी निगरानी : गाड़ियों में GPS और कर्मियों के पास बटन कैमरा (Button Camera) हो
- मोबाइल बैन : चेकिंग के दौरान दस्ते के पास फोन न हो, ताकि वे मिलीभगत न कर सकें।
- कार्रवाई का लेखा-जोखा : 3497 स्टॉप वर्क नोटिस
- नोटिस का व्यापक प्रचार : उल्लंघन करने वालों को नोटिस दें और इसका व्यापक प्रचार करें ताकि लोगों को पता चले
- कमिटी को रिपोर्ट : कोर्ट ने समय की कमी के चलते रिपोर्ट कोर्ट के बजाय विशेष कमेटी के सामने पेश करने को कहा
- अगली सुनवाई : मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी
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