
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) ने कहा है कि कानून महिलाओं को समाज के वंचित तबके का हिस्सा मानता है, जिन्हें ज्यादा सुरक्षा की जरूरत है और इसलिए उनकी असुविधाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. अदालत ने महिला के अनुरोध पर वैवाहिक विवाद से जुड़ा एक मामला पुणे से मुंबई स्थानांतरित करते हुए यह टिप्पणी की. जस्टिस एसएम मोदक की एकल पीठ ने 17 अगस्त को महिला और उससे अलग रह रहे उसके पति की दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई.
पति-पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद चल रहा है और उन्होंने पुणे तथा ठाणे की अदालतों में दो अलग-अलग आवेदन दे रखे हैं.पुणे में रहने वाले पति ने ठाणे की अदालत में दायर आवेदन को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. वहीं, मुंबई में रहने वाली पत्नी ने पुणे में दायर आवेदन को ठाणे स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. महिला ने अपने आवेदन में कहा था कि वह बेरोजगार है और उसके लिए पुणे आना-जाना संभव नहीं होगा.
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