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This Article is From Dec 03, 2015

लखन भैया फर्जी मुठभेड़ : 11 पुलिस वालों की सज़ा 6 महीने के लिए स्थगित कर दी गई

लखन भैया फर्जी मुठभेड़ : 11 पुलिस वालों की सज़ा 6 महीने के लिए स्थगित कर दी गई
महाराष्ट्र सरकार ने साल 2006 में लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी 11 पुलिस वालों की सजा 6 महीने के लिए स्थगित कर दी है। मामले में कुल 21 लोग दोषी ठहराये गये थे जिसमें से 13 पुलिस वाले थे। गृह विभाग के आदेश में 6 महीने के लिए मुक्त किये गए दोषियों के लिए लिखा गया है कि इस दौरान वे मामले से जुड़े पीड़ित परिवार या गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे, साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा करना पड़ेगा।

आदेश में लिखा गया है कि अगर वह धर्म परिवर्तन करते हैं तो पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी, साथ ही साथ उनकी कोई भी गलत हरकत उन्हें फिर से जेल पहुंचा सकती है। आदेश में ये स्पष्ट किया गया है कि मामला अभी हाई कोर्ट में लंबित है और अगर वहां से सजा होती है तो भी उन्हें वापस जेल जाना होगा। मामले में लखन भैया के भाई रामप्रसाद गुप्ता ने सरकार के इस फैसले पर खेद जताते हुए अदालत में चुनौती देने की बात कही है। लखन भैया को पुलिस वालों ने वासी से अगवा कर दूसरे दिन मुठभेड़ में मार गिराया बताया था। बाद में मामला सुपारी किलिंग का साबित हुआ था।

जिन दोषियों की सज़ा स्थगित की गई है उनके नाम इस प्रकार हैं - दिलीप सीताराम पालांडे, नितिन गोरखनाथ सरतापे, गणेश अंकुश हारपुडे, आनंद बालाजी पाताडे, प्रकाश गणपत कदम, देवीदास गंगाराम सकपाल, पांडुरंग गणपत कोकम, रत्नाकर गौतम कांबले, संदीप हेमराज सरदार, तानाजी भाऊसाहेब देसाई, विनायक बालासाहेब शिंदे।

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