
- MP के भिंड में स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद ग्राम पंचायत भवन में कमलेश कुशवाहा को केवल एक लड्डू मिला था
- कमलेश कुशवाहा ने दो लड्डू मांगने पर मना करने पर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई थी
- रवींद्र श्रीवास्तव ने बताया कि लड्डू वितरण चपरासी धर्मेंद्र द्वारा किया गया था.
लड्डू और उसे लेकर लोगों में प्रेम की कहानी बहुत पुरानी है. साल भले बदलते रहे हैं लेकिन लड्डू को लेकर लोगों की चाहत ज्यों की त्यों बनी हुई हैं. और बात अगर लड्डू की हो तो ना चाहते हुए भी 26 जनवरी और 15 अगस्त जैसे मौका का जिक्र तो खुद ब खुद आ ही जाती है. इन दोनों दिन देश के प्रति प्रेम जताने वाले लोगों के लिए समारोह में शामिल होने की एक वजह तो लड्डू भी होता है. अब ऐसे में अगर किसी ये ना मिले तो सोचें क्या होगा? लड्डू की चाहत अधूरी रहने पर कोई क्या कर सकता है इसकी एक मिसाल मध्य प्रदेश के भिंड से सामने आई है.
भिंड के एक शख्स को ग्राम पंचायत भवन में 15 अगस्त के दिन ध्वजारोहण के बाद खाने के लिए एक ही लड्डू मिला था. इस खास मौके पर सिर्फ एक लड्डू मिलने से गुस्साए कमलेश कुशवाहा ने तुरंत सीएम हेल्पलाइन पर फोन घुमा दिया. कमलेश ने समारोह के दौरान दूसरे की तुलना में इसे एक ही लड्डू मिलने की बकायदा शिकायत की.
हुआ कुछ यूं कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन पंचायत भवन पर ध्वजारोहण किया गया. इस मौके पर गांव के सरपंच समेत अन्य जनप्रतिनिधि और सचिव समेत ग्राम पंचायत का चपरासी भी मौजूद था. इसके अलावा गांव के अन्य ग्रामीण भी ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल हुए. ध्वजारोहण किया, इसके बाद लड्डुओं का वितरण भी शुरू हो गया. जिस वक्त ग्राम पंचायत का चपरासी धर्मेंद्र लड्डू वितरण कर रहा था, उस वक्त ग्राम पंचायत भवन के बाहर सड़क पर इसी गांव का रहने वाला कमलेश कुशवाहा खड़ा हुआ था.
लड्डू बांटते हुए जब धर्मेंद्र, कमलेश कुशवाहा के पास पहुंचा तो धर्मेंद्र ने एक लड्डू कमलेश कुशवाहा के हाथ रख दिया, जिससे वह आग बबूला हो गया. कमलेश कुशवाहा दो लड्डू लेने की जिद पर अड़ा रहा. धर्मेंद्र चपरासी ने दो लड्डू देने से इनकार कर दिया. इसके बाद कमलेश कुशवाहा ने मौके पर से ही सीएम हेल्पलाइन में फोन लगा दिया. कमलेश कुशवाहा ने शिकायत दर्ज करवाई.
पंचायत ने लड्डू नहीं बांटे, समस्या का समाधान हो
कमलेश ने शिकायत में लिखवाया गया कि गांव में झंडा वंदन हुआ, लेकिन पंचायत ने ग्रामीणों को लड्डू नहीं बांटे हमारी समस्या का निराकरण किया जाए. जब इसकी जानकारी पंचायत सचिव रवींद्र श्रीवास्तव तक पहुंची तो वह हैरान रह गए. इस मामले में जब NDTV ने जब पंचायत के सचिव रविंद्र श्रीवास्तव से बातचीत की तो पंचायत सचिव ने बताया कि 15 अगस्त के दिन कमलेश कुशवाहा ग्राम पंचायत भवन के बाहर सड़क पर खड़ा हुआ था. चपरासी धर्मेंद्र द्वारा लड्डू वितरण किया गया. कमलेश कुशवाहा को एक लड्डू दिया गया था और उसे दो लड्डू चाहिए थे. धर्मेंद्र ने दो लड्डू देने से मना कर दिया.
आपको बता दें कि लड्डू को लेकर नाराजगी का यह कोई पहला मामला नहीं है. पिछले साल भी 15 अगस्त पर लड्डू ना मिलने पर एक स्कूल में छात्र ने अपने ही टीचर को पीट दिया था. मामला बक्सर के बिहार का था. दरअसल, बक्सर जिले के चौगाई के एक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण के बाद सभी छात्रों को लड्डू दिए जा रहे थे. इसी दौरान अचानक लड़का वहां आया और शिक्षकों से लड़ने लगा. उसका आरोप था कि उसे लड्डू नहीं दिया गया है. जब शिक्षक स्कूल से बाहर निकले तो छात्र ने उनपर हमला कर दिया.
लड्डू चोरी के आरोप में बहनों को स्कूल से निकाल गया
एक ऐसा ही अनोखा मामला यूपी के सहारनपुर से सामने आया था. जहां लड्डू चोरी का आरोप लगाकर एक स्कूल के प्रिसिंपल ने दो बहनों को स्कूल से निकाल दिया था. हालांकि, छात्राओं के परिवार ने आरोप लगाया था कि प्रिंसिपल ने उनके खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई की. छात्रों पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लड्डू चुराने का आरोप लगा था.
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