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This Article is From Jan 06, 2023

"सहानुभूति से रहित...": 'पेशाब मामले' पर डीजीसीए ने की एयर इंडिया की खिंचाई

एयरलाइन ने कहा कि घटना के बाद "कोई और टकराव नहीं हुआ था" और "महिला यात्री की कथित इच्छाओं का सम्मान करते हुए चालक दल ने लैंडिंग पर कानून प्रवर्तन को नहीं बुलाने का निश्चय किया."

"सहानुभूति से रहित...": 'पेशाब मामले' पर डीजीसीए ने की एयर इंडिया की खिंचाई
डीजीसीए ने पेशाब करने के मामले में एयर इंडिया के अधिकारियों, पायलट और चालक दल से जवाब मांगा है.
नई दिल्ली:

विमान में उड़ान के दौरान महिला यात्री पर एक सहयात्री के पेशाब करने के मामले में एयर इंडिया के रवैये पर सख्त नाराजगी जताते हुए उड्डयन नियामक ने आज कहा कि एयरलाइन का आचरण 'अव्यवसायिक' था और इसकी वजह से यह 'प्रणालीगत विफलता' का कारण बनी.

26 नवंबर को हुई थी घटना

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन के कुछ अधिकारियों, उड़ान के पायलट और चालक दल को नोटिस जारी कर इस मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है. 26 नवंबर को, मुंबई के एक व्यवसायी ने कथित तौर पर न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की एक फ्लाइट की बिजनेस क्लास में एक बुजुर्ग महिला पर जिप खोली और पेशाब कर दिया.

ग्रुप चेयरमैन को पत्र लिखने पर हुई कार्रवाई

आश्चर्यजनक रूप से, जब फ्लाइट लैंड हुई, तो आरोपी यात्री को बिना किसी प्रतिक्रिया के जाने दिया गया. पीड़ित महिला के एयर इंडिया के ग्रुप चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को पत्र लिखने के बाद ही एयर इंडिया ने इस हफ्ते पुलिस में मामले की शिकायत दी.

प्रक्रिया का पालन नहीं किया

डीजीसीए ने एक बयान में कहा, "...यह सामने आया है कि इस मामले में एक अनियंत्रित यात्री को ऑन-बोर्ड संभालने से संबंधित प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है. संबंधित एयरलाइन का आचरण अव्यवसायिक प्रतीत होता है और इसके कारण प्रणालीगत विफलता हुई है. प्रथम दृष्टया, इसमें विमान नियम 1937 में वर्णित नियामक दायित्वों को पूरा नहीं किया गया. अनियंत्रित यात्रियों की हैंडलिंग' पर नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं, केबिन सुरक्षा परिपत्र, एयर इंडिया ऑपरेशंस मैनुअल, एयर इंडिया सुरक्षा और आपातकालीन प्रक्रिया मैनुअल और एयर इंडिया क्विक रेफरेंस हैंडबुक सहानुभूति से रहित है."

डीजीसीए ने कहा कि उसने एयरलाइन के जवाबदेह मैनेजर, डायरेक्टर इन-फ्लाइट सर्विसेज, उस फ्लाइट के सभी पायलट और केबिन क्रू मेंबर्स को नोटिस जारी कर दो हफ्तों के भीतर यह बताने को कहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.

आपस में मामले को सुलझा लिया

2017 में, सरकार ने अनियंत्रित यात्रियों को न्यूनतम तीन महीने से लेकर दो साल से अधिक समय तक उड़ान भरने से रोकने के लिए नए नियम जारी किए थे. एयर इंडिया ने नियामक से कहा है कि उसके कर्मचारियों ने व्यवसायी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि "पीड़ित महिला ने कार्रवाई के अपने प्रारंभिक अनुरोध को वापस ले लिया था. दोनों ने आपस में "मामले को सुलझा लिया" था. आंतरिक समिति की रिपोर्ट लंबित होने तक अपराधी को 30 दिनों के लिए एयर इंडिया पर उड़ान भरने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

एयरलाइन ने कहा कि घटना के बाद "कोई और टकराव नहीं हुआ था" और "महिला यात्री की कथित इच्छाओं का सम्मान करते हुए चालक दल ने लैंडिंग पर कानून प्रवर्तन को नहीं बुलाने का निश्चय किया."

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