बिहार के गोपालगंज जिले के गोपालपुर थाना के सपहां गांव के 45 वर्षीय शिवशंकर सिंह कुशवाहा पिछले एक दशक से कुवैत में रहकर कंपनी में फोरमेन के पद पर नौकरी कर रहे थे. इसी प्रकार कटेया थाना के बनकटिया पंचायत के कलीछापर गांव के रघुनाथ गिरी के पुत्र 30 वर्षीय अनिल गिरी पिछले चार वर्षों से एक कंपनी में काम कर रहे थे. कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में इन दोनों की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे के दिन अल-मंगफ इमारत में गोपालगंज के दोनों लोग काम कर रहे थे. अचानक आग लगी और चाहकर भी शिवशंकर सिंह कुशवाहा और अनिल गिरी अपनी जान नहीं बचा पाये. इस हादसे में 45 भारतीयों की मौत हुई है.
गम में डूबे परिवार
इस हादसे की सूचना मिलने के बाद शिवशंकर सिंह कुशवाहा और अनिल गिरी के घर में चूल्हा तक नहीं जल पाया है. कुवैत में हुई शिवशंकर सिंह और अनिल गिरी की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है. मृतक शिवशंकर की पत्नी निर्मला देवी और मां गनेशिया देवी बेसुध हो गईं. वहीं, अनिल गिरी के पिता रघुनाथ गिरी और पत्नी प्रियंका देवी मौत की खबर से बेहद आहत हो गए हैं. मृतक शिवशंकर सिंह कुशवाहा के दो बेटे मुकेश कुमार और अभिषेक कुमार भी अपने पिता को खोने के गम में डूब गए हैं. आसपास के लोग पीड़ित परिवार को ढाढ़स बंधाने में जुटे हुए है. ऐसे तो अनिल गिरी की पत्नी प्रियंका देवी अपने एक बेटी और एक बेटा के साथ सास और ससुर के साथ हरियाणा में रहते है.
...वो आखिरी वीडियो कॉल
कुवैत में अग्निकांड होने से पहले वीडियो कॉल पर शिव शंकर सिंह कुशवाहा की आखिरी बार बात हुई थी. वीडियो कॉल पर बात करते हुए उन्होंने अपने परिवार में मां और पत्नी के बारे में पूछा. बेटों से बात करते हुए सभी का ठीक से ध्यान रखने को कहा था, लेकिन अगले दिन ही अग्निकांड हो गया और उसमें उनकी मौत हो गयी. परिवार को क्या पता था कि यह कॉल उनकी आखिरी कॉल होगा. यही हाल मृतक अनिल गिरी ने अपनी पत्नी और पिता से बात की थी. कुवैत और भारत सरकार की पहल से वायुसेना की विशेष विमान से पार्थिव शरीर शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गया. शनिवार को पैतृक गांव में पार्थिव शरीर पहुंचने की सूचना है. मृतक शिवशंकर के रिश्तेदार अखिलेश कुमार सिंह पार्थिव शरीर को लेकर उनके गांव सपहां आ रहे हैं. वहीं, अनिल गिरी के शव को लेकर उनके भाई राजेश गिरी अपने पैतृक गांव कली छापर लेकर पहुचेंगे. जहां पर पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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