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क्राइम सीन पर देरी से पहुंचने से लेकर जांच को भटकाने की कोशिश करने तक....CBI ने कोलकाता पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

CBI ने कोलकाता पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस मामले की जांच के दौरान हर स्तर पर लापरवाही बरती गई है. चाहे बात क्राइम सीन को सील करने की हो या फिर जल्दी एक्शन लेने की, कोलकाता पुलिस ने कई स्तर पर लापरवाही बरती है.

क्राइम सीन पर देरी से पहुंचने से लेकर जांच को भटकाने की कोशिश करने तक....CBI ने कोलकाता पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
कोलकाता में ट्रेन महिला डॉक्टर मामले की जांच को लेकर सीबीआई ने कई बड़े खुलासे किए हैं
नई दिल्ली:

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से पहले रेप और बाद उनकी हत्या के मामले हर बीतते दिन के साथ बड़ खुलासे हो रहे हैं. इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है. सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले की जांच में कोलकाता पुलिस ने कई  लापरवाही बरती हैं. सीबीआई के अनुसार कोलकाता पुलिस को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वह घटनास्थल पर काफी देरी से पहुंची. जबकि ऐसे जघन्य अपराध की जानकारी मिलने के फौरन बाद ही पुलिस को मौके पर जाना चाहिए था.सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने कोलकाता पुलिस की इन लापरवाहियों का जिक्र अपने रिमांड नोट में किया है. 

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"क्राइम सीन पर 57 मिनट लेट से पहुंची थी लोकल पुलिस"

सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने अपने रिमांड बुक में लिखा है कि टाला पुलिस स्टेशन के एसएचओ अभिजीत मंडल को इस घटना की सूचना सुबह 10.03 बजे मिली थी जबकि वह क्राइम सीन यानी आरजी कर अस्पताल सुबह 11 बजे पहुंचे. साथ ही एसएचओ ने मामले की जानकारी मिलने के बाद भी तुरंत मामला दर्ज नहीं किया. इतना ही नहीं जब इस घटना को लेकर डीडी एंट्री की गई तो उस दौरान भी गलत तथ्यों का ही उल्लेख किया गया. 

"SHO से लगातार संपर्क में था संदीप घोष"

CBI के अनुसार लोकल पुलिस ने डेथ सर्टिफिकेट जारी करने में भी देरी की.घटनास्थल पर पहुंचने में देरी की वजह से कई ऐसे लोग क्राइम सीन पर पहुंच गए जिन्हें वहां जाने से रोका जाना चाहिए था.पुलिस ने समय रहते क्राइम सीन की घेराबंदी नहीं की.सीबीआई के अनुसार पुलिस ने परिवार की इच्छा के उलट जाते हुए जल्दबाजी में दाह संस्कार की अनुमति दी गई. जबकि पीड़िता का परिवार चाहता था कि उनकी बेटी के शव का दोबारा से पोस्टमॉर्टम हो.आरोपी संजय रॉय और अन्य आोरोपियों को बचाने के लिए भी आपराधिक साजिश रची गई. साथ ही इस मामले की जांच को भी भटकाया गया. सीबीआई का कहना है कि इस घटना के बाद आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एसएचओ के बीच लगातार फोन पर बात हो रही थी. 

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पूर्व प्रिंसिपल की गिरफ्तार पर बोले डॉक्टर

बीते दिनों सीएम ममता बनर्जी ने आरजी कर मामले में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को बातचीत के लिए अपने आवास पर बुलाया था. हालांकि, सीएम ममता और प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के बीच बातचीत नहीं हो पाई. डॉक्टरों की मांग थी कि सीएम ममता बनर्जी उनके साथ जो भी बातचीत करना चाहती हैं उसका वो लाइव स्ट्रीमिंग कराएं. लेकिन ममता बनर्जी इसके लिए तैयार नहीं थीं.डॉक्टरों और सीएम ममता के बीच बातचीत ना होने की वजह से बाद में डॉक्टर सीएम आवास से प्रदर्शन स्थल पर वापस आ गए. बाद में इन डॉक्टरों को पता चला कि आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है.इस गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि घोष की गिरफ्तारी से ये साबित होता है कि हमारी डिमांड जायज थी.डॉक्टरों का तो यहां तक कहना था कि सीएम ममता ने शाम में बातचीत के लिए इसलिए भी मना किया होगा क्योंकि उन्हें सीबीआई द्वारा घोष की गिरफ्तारी की सूचना मिल गई होगी.

                                                                                                                                       

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