
प्रतीकात्मक फोटो
कोलकाता के सेंट जेवियर यूनिवर्सिटी की टीचर, जिसे इंस्टाग्राम पर बिकिनी पहनी तस्वीरों को लेकर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, ने अपनी आईं मुश्किलों को बयां किया है. इस टीचर के अनुसार, पिछले वर्ष अक्टूबर में संस्थान के "कंगारू कोर्ट (kangaroo court)" का सामना करने के बाद उसे शर्मिंदगी, घृणा और डर की भावना का एक साथ अहसास हुआ. अखबार इंडियन एक्सप्रेस के एक लेख, जिसमें खास आग्रह पर नाम नहीं दिया गया है, इस महिला ने वाइस चांसलर और अन्य के साथ अपनी मुलाकात के अनुभव को बताया.
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इसके अनुसार, पूछताछ के इस तरीके में मुझे शर्मिंदगी का अहसास कराया गया है. महिला ने आरोप लगाया, "न केवल मेरी मॉरल पुलिसिंग की गई बल्कि इन तस्वीरों को लेकर एक घंटे से अधिक समय तक सवाल कर परेशान किया गया. इन तस्वीरों को मैंने निजी तौर पर चुने हुए लोगों के ग्रुप को शेयर किया था, बावजूद इसके मुझे इस्तीफे के लिए विवश किया गया."
इस महिला प्रोफेसर ने फरवरी में इस मामले में सेक्शन 354(C) और 509 के अंतर्गत पुलिस केस दर्ज किया था, इसके जवाब में यूनिवसिर्टी के अधिकारियों ने उसे मानहानि का नोटिस भेजा जिसमें हर्जाने के तौर पर ₹ 99 करोड़ की राशि मांगी. इसके बाद यह घटना हाल में फिर से चर्चा में आ गया. गौरतलब है कि सेंट जेवियर से इंग्लिश में बीए करने के बाद इस महिला ने जाधवपुर यूनिवर्सिटी से एमए किया, इसके बाद डॉक्टरेट के लिए यूरोपियन यूनिवर्सिटी गई. उसने भारत लौटने के बाद अपने गृहनगर कोलकाता में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी शुरू की थी.
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