
- जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में बादल फटने से गंभीर तबाही हुई है और राहत कार्य जारी हैं.
- इस आपदा में अब तक कम से कम 60 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 160 से ज्यागा लोग बचाए गए हैं.
- चशोती गांव किश्तवाड़ से लगभग 90 किलो दूर है. यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर सबसे अधिक प्रभावित हुआ.
Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव में राहत और बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है. सेना के 300 जवान राहत और बचान कार्य में जुटे हुए हैं. जानकारी के अनुसार इस आपदा में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है और 160 से ज़्यादा लोगों को बचाया गया है. जम्मू में तैनात सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, ‘‘किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के सैनिक राहत और बचाव कार्यों में के लिए तेजी से मोर्चा संभाला.'' उन्होंने बताया कि पहली कोशिश लोगों की जान बचाना और जीवित बचे लोगों की सहायता करना एवं लापता लोगों की तलाश करना है.

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई त्रासदी पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की. उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और हर संभव सहायता की पेशकश की.

सेना ने कहा कि राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंचा दिए गए हैं. जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 60-60 कर्मियों वाली पांच टुकड़ियां यानी कुल 300 सैनिक, तथा व्हाइट नाइट कोर की चिकित्सा टुकड़ियां अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को बचाने के लिए काम कर रही हैं. लापता लोगों की तलाश जारी है और प्रभावित परिवारों को चिकित्सा सहायता और सहयोग प्रदान किया जा रहा है.

21 शवों की हुई पहचान
जम्मू-कश्मीर में प्राधिकारियों ने किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव से बरामद किए गए शवों में से 21 की पहचान कर ली है. अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए प्राधिकारियों ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से पीड़ितों की तस्वीरें प्रभावित परिवारों के साथ साझा कीं जिसके परिणामस्वरूप बरामद किए गए शवों में से 21 की पहचान की गई.

एनडीआरएफ का दल किश्तवाड़ के गांव पहुंचा
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव में राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करने के लिए शुक्रवार को वहां पहुंचा. अधिकारियों ने बताया कि इस आपदा में बृहस्पतिवार को बचाए गए लोगों में से 38 की हालत गंभीर है. मृतक संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है. किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने कहा, ‘एनडीआरएफ का दल गांव में जारी अभियान में शामिल हो रहा है. वह देर रात गुलाबगढ़ पहुंच गया.' अभियान की निगरानी कर रहे शर्मा ने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नहीं भेजे जा सके इसलिए टीम उधमपुर से सड़क मार्ग से आई.

कई घर हुए तबाह
अधिकारियों ने बताया कि अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 16 आवासीय मकान और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, और 30 मीटर लंबा एक पुल तथा एक दर्जन से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.

बम फटने जैसी आवाज़ आई
आपदा के शिकार एक पीड़ित ने बताया कि, "अचानक बम फटने जैसी आवाज़ आई और सब लोग चिल्लाने लगे, 'भागो, भागो.' जैसे ही मैं भागने लगा, मैं मलबे में फंस गया और एक बिजली का खंभा मेरे ऊपर गिर गया. इसके बाद, मैंने अपनी बेटी को आवाज़ लगाई और उसने मुझे वहाँ से बाहर निकाला..."
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