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This Article is From Mar 23, 2024

केरल सरकार विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी न मिलने के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची

राज्य सरकार ने अपनी अर्जी में कई अन्य राहतों के अनुरोध के अलावा उपरोक्त चार विधेयकों सहित कुल सात विधेयकों को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा अपने पास रोके रखने के कदम को गैर-कानूनी घोषित करने का न्यायालय से आग्रह किया है.

केरल सरकार विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी न मिलने के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची
नई दिल्ली:

केरल सरकार ने एक असामान्य कदम उठाते हुए राज्य विधानसभा से पारित चार विधेयकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंजूरी न दिये जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.राज्य सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा बगैर किसी कारण के विधेयकों को मंजूर न करने को असंवैधानिक कदम घोषित करने का न्यायालय से अनुरोध किया है. इन विधेयकों में विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) (नंबर 2) विधेयक, 2021; केरल सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक, 2022; विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2022; और विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) (नंबर 3) विधेयक, 2022 शामिल हैं.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने केंद्र सरकार, राष्ट्रपति के सचिव, राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और उनके अतिरिक्त सचिव को मामले में पक्षकार बनाया है.

राज्य सरकार ने अपनी अर्जी में कई अन्य राहतों के अनुरोध के अलावा उपरोक्त चार विधेयकों सहित कुल सात विधेयकों को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा अपने पास रोके रखने के कदम को गैर-कानूनी घोषित करने का न्यायालय से आग्रह किया है.

इससे पहले भी, राज्य सरकार ने राज्यपाल पर विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था और अदालत ने पिछले साल 20 नवंबर को याचिका पर राज्यपाल के कार्यालय को नोटिस जारी किया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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