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This Article is From Jan 11, 2023

"पॉलटिकल मेच्योरिटी नहीं दिखा रही केजरीवाल सरकार" : दिल्ली सरकार बनाम LG मामले में SC में केंद्र

केंद्र सरकार नेकहा है कि दिल्ली सरकार गलत धारणा बना रही है कि LG ही शो चला रहे हैं जबकि 1992 से अलग-अलग परस्पर विरोधी और अलग-अलग विचारधाराओं वाली सरकारें रहीं लेकिन फिर भी सब सौहार्दपूर्ण तरीके से चल रहा था.

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"पॉलटिकल मेच्योरिटी नहीं दिखा रही केजरीवाल सरकार" : दिल्ली सरकार बनाम LG मामले में SC में केंद्र
दिल्‍ली के सीएम केजरीवाल और एलजी के बीच मतभेद की खबरें लगातार चर्चा में रही हैं
नई दिल्‍ली:

दिल्ली सरकार बनाम उप राज्‍यपाल (LG) मामले में केंद्र सरकार ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए पॉलटिकल मेच्योरिटी  न दिखाने का आरोप लगाया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार गलत धारणा बना रही है कि LG ही शो चला रहे हैं जबकि 1992 से अलग-अलग परस्पर विरोधी और अलग-अलग विचारधाराओं वाली सरकारें रहीं लेकिन फिर भी सब सौहार्दपूर्ण तरीके से चल रहा था. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "पूरा मामला धारणा का है न कि संवैधानिकता का. यह धारणा गलत है कि उप राज्यपाल निर्वाचित सरकार की अवहेलना कर सब कुछ कर रहे हैं. पहले भी कई ऐसे उदाहरण रहे हैं जब केंद्र और दिल्ली में परस्पर विरोधी और अलग-अलग विचारधाराओं वाली सरकारों का शासन रहा है लेकिन यह समस्या कभी नहीं हुई. तब  राजनीतिक परिपक्वता थी. राज्य का प्रशासन सुचारू रूप से और सद्भाव से चला."

उन्‍होंने कहा, "1992 से लेकर अब तक केवल सात मामले मतभेद का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को भेजे गए हैं. केवल सात. एलजी के पास कानून के मुताबिक कुल 18000 फाइलें आईं. सारी फाइलें क्लियर कर दी गईं. दिल्ली सरकार ने GNCTD कानून को पूरी तरह से छोड़ दिया. गलत धारणा बनाई जा रही है कि एलजी शो चला रहे हैं और कोई निर्वाचित निकाय नहीं है. जो बनाया जा रहा है वह हवा में एक महल है, कल्पना से भरा है. यहां हम तथ्यों को रखेंगे. किसी देश की राजधानी में हमेशा एक विशिष्ट स्थिति होती है. मैं मानता हूं कि सामूहिक सिद्धांत का सम्मान किया जाना चाहिए. मुझे यह बताना चाहिए कि हम धारणा के मामले से निपट रहे हैं न कि संवैधानिक कानून से. यह धारणा कि एलजी सब कुछ करते हैं, हम सिर्फ प्रतीकात्मक हैं. अधिकारियों की कहीं और निष्ठा है ये गलत है. संवैधानिक ढांचा 1992 में आया. यह सवाल कभी नहीं उठा. सब कुछ तालमेल के साथ चल रहा था. कानून यह सुनिश्चित करता है कि सब कुछ सुचारू रूप से चले. एक तथ्य को ध्यान में रखें जो महत्वपूर्ण होगा. सचिव मंत्रियों के निर्देशों के अनुसार काम कर रहे हैं या नहीं? ये कैसे तय होगा. हमारे पास सचिव स्तर के अफसरों की ACR हैं जिन्हें खुद CM ने लिखा है." 

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