
- कुपडागाड़ में हो रही लैंडस्लाइड के कारण अस्थायी झील का जलस्तर बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है.
- बरसाती नाले से मलबा आने के कारण बृहस्पतिवार को यमुना नदी का प्रवाह रुक गया था.
- यमुना नदी के जलस्तर की निगरानी की जा रही है. मलबा हटाने का कार्य तेजी से हो रहा है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में यमुना नदी में बनी अस्थायी झील का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है. दरअसल कुपडागाड़ में लैंडस्लाइड हो रहा है. जिसके कारण खूब सारा पानी और मलबा यमुना नदी की तरफ जा रहा है. स्यानाचट्टी पहुंची NDTV की टीम के कैमरे में ताजा लैंडस्लाइड कैद हुआ है. कूपडागाड़ में हो रहे लैंडस्लाइड का पानी सीधा यमुना में जा रहा है. बड़े-बड़े पत्थर पानी के साथ बहते हुए नदी की तरफ जा रहे हैं. बता दें स्यानाचट्टी में बृहस्पतिवार को बरसाती नाले कुपडागाड़ से आए मलबे से ही यमुना नदी का प्रवाह रूक गया था. जिससे वहां अस्थायी झील बन गई थी. सुरक्षा की दृष्टि से आसपास के मकान एवं होटल खाली करवाए गए थे और 300 लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया था.
होटलों और मकानों में पानी भर

- कुपडागाड़ में आये मलबे से यमुना में झील बनने के कारण सड़क से नीचे की ओर के सभी होटलों और मकानों में पानी भर गया था. पुल के ऊपर तक पानी भर गया था. जो कि अब कम हो गया है.
- इससे पहले, 28 जून की देर रात को बादल फटने से कुपड़ागाड़ से भारी मलबा आया था और यमुना नदी का प्रवाह रुक गया था. जिससे यमुना नदी पर झील बन गई थी .
- तब भी स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई थी क्योंकि झील का पानी होटलों की निचली मंजिलों तक पहुंच गया था. हालांकि, कुछ दिनों बाद मशीनरी द्वारा मलबा हटाये जाने पर झील का पानी धीरे-धीरे कम हो गया था.
- उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि बरसाती नाले कुपड़ागाड़ से मलबा आने के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्यानाचट्टी में बनी इस झील से पानी निकालने के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम शनिवार को देखने को मिले हैं
- उन्होंने कहा, ‘‘झील से पानी निकलने का रास्ता बन गया है और आज झील का जलस्तर 12 फुट कम हुआ.'

ताजा लैंडस्लाइड से दहशत में गांववाले

मौके पर मौजूद गांव के लोग ताजा लैंडस्लाइड देखकर परेशान हो गए हैं.अगर आनेवाले समय में इसी तरह से पहाड़ों से मलबा टूटकर यमुना में जाता रहा तो ये बड़ी दिक्कत पैदा कर सकता है. आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं और पानी की निकासी के कार्य में जुटी हैं. हालांकि, बरसाती नाले से अब भी मलबा और पत्थर आ रहे हैं. केंद्र के अनुसार, केंद्रीय जल आयोग की टीम स्यानाचट्टी में मौजूद है और यमुना नदी के जलस्तर की लगातार निगरानी कर रही है.
स्यानाचट्टी में कैसे हैं हालात

स्यानाचट्टी पहुंची NDTV जब स्यानाचट्टी पुल पहुंची तो वहां भारी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा था. वहीं स्यानाचट्टी की एक पुलिस चौकी में भरा मलबा भी निकाला जा रहा है. प्रदेश के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने स्थानीय लोगों से धैर्य बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है. जिलाधिकारी स्वयं शुक्रवार को राफ्ट में बैठकर झील के दूसरे किनारे पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से बात कर उन्हें आश्वस्त किया कि प्रशासन द्वारा सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं.
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