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कश्मीर से दिल्ली तक बारिश की मार, हिमाचल प्रदेश के लिए अलर्ट जारी, पंजाब में बाढ़ का कहर बरकरार

कश्मीर घाटी के सभी स्कूलों और कॉलेजों में कक्षाएं शुक्रवार से दो और दिन के लिए स्थगित कर दी गईं जो सोमवार को फिर से शुरू होंगी. घाटी में बाढ़ जैसी स्थिति के बाद छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर ये फैसला लिया गया है.

कश्मीर से दिल्ली तक बारिश की मार, हिमाचल प्रदेश के लिए अलर्ट जारी, पंजाब में बाढ़ का कहर बरकरार
हिमाचल में भारी बारिश का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया गया है.
  • हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है.
  • हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 1217 सड़कें बंद हैं और मणिमहेश यात्रा मार्ग पर श्रद्धालु फंसे हैं.
  • जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग चौथे दिन भी बंद रहा, जिससे कश्मीर क्षेत्र में तीन हजार से अधिक वाहन फंसे हैं.
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नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश आफत बनकर आई है. भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और जनजीवन प्रभावित हुआ है. दिल्ली- एनसीआर में मानसून की रफ्तार अभी भी कम नहीं हुई है. मौसम विभाग ने इस हफ्ते तक बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग के अनुसार 6 और 7 सितंबर को गरज-चमक के साथ बारिश होने के आसार हैं. जबकि 8 सितंबर को आसमान आमतौर पर बादलों से घिरा रहेगा. यानी अभी दिल्ली के लोगों को बारिश से राहत नहीं मिलने वाली है. 

हिमाचल में भारी बारिश का ‘येलो' अलर्ट

हिमाचल प्रदेश कई इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद बाढ़ से जूझ रहा है. स्थानीय मौसम कार्यालय ने सोमवार और मंगलवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए ‘येलो' अलर्ट जारी किया है. वहीं मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे करीब 350 श्रद्धालुओं को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए हिमाचल प्रदेश के भरमौर से चंबा पहुंचाया गया. मणिमहेश यात्रा 15 अगस्त को शुरू हुई थी और तब से अब तक 17 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों तीर्थयात्री चंबा जिले के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर भरमौर क्षेत्र में फंसे हुए हैं.

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में कुल 1217 सड़कें बंद हैं. इनमें से 281 सड़कें मंडी में, 261 शिमला में, 231 कुल्लू में और 187 सड़कें चंबा जिले में अवरुद्ध हैं. शिमला-कालका रेल लाइन पर भूस्खलन के कारण इस पर चलने वाली रेलगाड़ियां शुक्रवार तक रद्द कर दी गई हैं.

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग चौथे दिन भी बंद

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग कई भूस्खलनों और कुछ स्थानों पर सड़कों के बह जाने के कारण शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहा. हालांकि, जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले को कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाले अंतर-क्षेत्रीय मुगल रोड को तीन दिनों तक बंद रहने के बाद वाहनों के आवागमन के लिए फिर से खोल दिया गया है. कश्मीर जाने वाले राजमार्गों और अन्य अंतर-क्षेत्रीय सड़कों के बंद होने के कारण कठुआ से कश्मीर तक विभिन्न स्थानों पर 3,700 से अधिक वाहन फंस गए हैं.

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घाटी में बाढ़ जैसी स्थिति के बाद छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर पूरे कश्मीर में शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार को तीसरे दिन भी बंद रहे. कश्मीर घाटी के सभी स्कूलों और कॉलेजों में कक्षाएं शुक्रवार से दो और दिन के लिए स्थगित कर दी गईं जो सोमवार को फिर से शुरू होंगी.

उत्तराखंड में 54 सड़कें अवरुद्ध

पहाड़ी राज्य में भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 54 सड़कें अवरुद्ध हैं. वहीं नैनीताल जिले में एक उफनते नाले में बह जाने से एक वन अधिकारी की मौत हो गई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, देवेंद्र सिंह (35) बुधवार शाम नैनीताल के कैंचीधाम क्षेत्र में धनियाकोट नाले में बह गए. सूचना मिलने पर, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और तलाशी अभियान शुरू किया. गुरुवार तड़के करीब 3 बजे शव बरामद किया गया. सिंह बेतालघाट वन रेंज में तैनात थे और कैंचीधाम के धनियाकोट क्षेत्र के निवासी थे.

 होशियारपुर में बाढ़ से लगभग 250 सड़कें क्षतिग्रस्त

पंजाब के होशियारपुर में मौजूदा बाढ़ के कारण लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की 101 किलोमीटर से अधिक की संपर्क सड़कें, पीडब्ल्यूडी के 54 किमी योजना मार्ग और 117 किलोमीटर मंडी बोर्ड सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं.
कम से कम 141 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नुकसान पहुंचा हैं, जहां छत, फर्श, प्लास्टर, चारदीवारी और शौचालय क्षतिग्रस्त हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि 23 गांवों में घरेलू सामान को नुकसान पहुंचने की खबर है, जिनमें से अधिकांस क्षति गढ़शंकर उपमंडल में हुई है.

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भारी बारिश के कारण जिले भर में बाढ़ से संबंधित बुनियादी अवसंरचना का नुकसान बढ़ गया है. टांडा और मुकेरियां उपमंडल के कई निचले गांवों में खेत काफी दिनों से जलमग्न हैं. जिला प्रशासन के अनुसार, गढ़शंकर में 55, मुकेरियां में 33, टांडा में 26 तथा दसूया और होशियारपुर उपमंडलों में 27-27 समेत कुल 168 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. लगभग 8,322 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। फंसे हुए 2,465 लोगों में से 1,615 को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जिले भर में पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 941 लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ से यहां 41 घर और चार गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं.

दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटने के संकेत

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को भी यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर रहा.  बुलेटिन में कहा गया है कि 5 सितंबर 2025 को रात 8 बजे तक जलस्तर 207.15 मीटर तक पहुंचने और इसके बाद कम होने की संभावना है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, 5 सितंबर को सुबह 8 बजे तक पुराने रेलवे ब्रिज का जलस्तर 207.31 मीटर है. इसका चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है और खतरे का निशान 205.33 मीटर है. साथ ही, निकासी स्तर 206 मीटर है और अब तक का उच्चतम स्तर 208.66 मीटर (13 जुलाई 2023) रहा है.

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