
जीप से बंधे युवक की फाइल फोटो
- डार ने कहा मेरी जिंदगी खत्म हो चुकी है.
- गांव वाले समझते हैं सरकार का एजेंट- डार
- वोट देकर लौट रहे थे तब हुई थी यह घटना
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इस दिन अलगाववादी संगठनों के चुनाव के बहिष्कार के आह्वान को न मानते हुए जार वोट डालने जा रहे थे. इलाके में माहौल पहले की तुलना में खराब थे. और उस दिन की गोलीबारी में कुल आठ लोग मारे गए. इस वजह से आम लोगों में सेना के प्रति गुस्सा था. केन्द्रीय एजेंसियों और स्थानीय पुलिस ने जांच में उस दिन की घटना के संबंध में डार की बात को सच माना था और उन्होंने उनके पत्थरबाज होने के सेना के दावों से इंकार किया था.
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जांच में पाया गया कि वह मतदान के बाद वह अपनी बहन के यहां जा रहा था और सेना ने उन्हें पकड़ लिया. इसके बाद उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और बाद में जीप के बोनेट पर बांध दिया गया. घटना के बाद अपने जीवन के बारे में डार ने कहा कि बडगाम जिले में उनके गांव में उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा.
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चुनावी प्रक्रिया में उनके शामिल होने के बारे में पता चलने पर लोगों ने उनसे दूरी बना ली. उन्होंने कहा कि उस दिन अपने घर से निकलने पर मैं पछता रहा हूं. (इनपुट भाषा से)
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