Kashmir Changed Anji And Chenab Bridge Is Telling Whole Story: कश्मीर में विकास नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है.
Kashmir Changed Anji And Chenab Bridge Is Telling Whole Story: अंजी ब्रिज तकनीक का नायाब नमूना है. ये ब्रिज सिर्फ एक पिलर पर खड़ा है. एक पिलर पर खड़े इस अंजी खड्ड रेल पुल को केबल तकनीक पर तैयार किया गया है. ऊंचाई इतनी की पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है. अंजी ब्रिज में सुरंग भी है, जो 5 किलोमीटर का है. जब आप जम्मू से श्रीनगर की तरफ आएंगे, तब ये पड़ेगा. ये उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल प्रोजेक्ट का हिस्सा है. उसी के तहत इस टनल और ब्रिज का निर्माण किया गया है. ये ब्रिज बहुत खास है क्योंकि ये भारतीय रेलवे का पहला ऐसा ब्रिज है, जो केबल से बना है. ये इसलिए भी खास है कि पहले यहां पर सड़क तक नहीं थी. हिमालय पर्वत पर बीच पुल का निर्माण करना एक अभूतपूर्व काम है. इसके निर्माण से जम्मू से श्रीनगर की दूरी घटेगी. जम्मू से श्रीनगर पहले सड़क से 10 से 12 घंटे में यात्रा पूरी होती थी, अब ट्रेन के जरिये तीन से चार घंटे में पूरी हो जाएगी.

अंजी नदी पर बनाया गया ये ब्रिज असली इंजीनियरिंग का चमत्कार है. ये पुल 725 मीटर लंबा है. जबकि एक खंबे पर खड़े इस ब्रिज की ऊंचाई 331 मीटर है. इसमें 473 मीटर का हिस्सा केबल तकनीक पर है. तो पुल में कुल 96 केबल हैं, जिसकी मदद से इसे तैयार किया गया है. इसके निर्माण में करीब 550 करोड़ रुपये के आसपास खर्च हुए हैं. उत्तर रेलवे की पीआरओ निधि पांडेय ने बताया कि इस पुल को बनाने में इसलिए कठिनाइयां आई, क्योंकि यह सारा हिमालयन रीजन है. आसपास डोनामाइट की पहाड़ियां है. कहीं कच्ची मिट्टी है. हर मीटर पर यहां मिट्टी का स्ट्रक्चर चेंज हो रहा है. पहले इनको दोनों तरफ से स्टेबलाइज किया गया.
पीएम मोदी करने वाले हैं उद्घाटन
अंजी पुल जितना खूबसूरत है. सुरक्षा का भी उतना की ख्याल रखा गया है. सुरक्षा तो ऐसी है कि समझिए कि आंधी आए या तूफान, भूकंप आए या प्रलय इस पर कभी कोई असर नहीं होगा. रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने पुल को क्लीयरेंस दी है. पुल के दोनों तरफ सर्विस रोड बनाई गई है ताकि इसके मेंटेनेंस कार्य को किया जा सके. यह सिंगल लाइन ट्रैक होगा, जिस पर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगीं. अगर आप भी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा ट्रेन से करने का प्लान बना रहे हैं. तो थोड़ा और इंतजार कीजिए. क्योंकि हिमालय के पहाड़ों के बीच अंजी पुल लगभग बनकर तैयार है. जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं.

इंडिया की इंजीनियरिंग के कमाल अंजी ब्रिज के बारे में तो आपने जान लिया अब कश्मीर की वादियों में बने उस ब्रिज के बारे में भी जान लीजिए, जिसे दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज कहा जा रहा है. वो ब्रिज जिसके ऊपर से अगर आपकी ट्रेन गुजरेगी तो आपको लगेगा कि आप आसमान से बातें कर रहे हैं. खूबसूरत वादियों के बीच रेल पटरियों का जाल बनाया गया है. पहाड़ों के बीचों-बीच बनाई गई टनल से जब रेल भरेगी रफ्तार तो दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज पर ट्रेन की 110 किलोमीटर की हाई स्पीड एक अलग एहसास कराएगी. इस ब्रिज का नाम चेनाब ब्रिज है. ये तकनीक का अद्भुत नमूना है. ये हिंदुस्तान और कश्मीर के विकास की नई गाथा कह रहा है. चेनाब नदी पर बना हुआ ये ब्रिज पूरी तरीके से बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही इसका उद्घाटन होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही इसे भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

इस अगर ब्रिज की बात करें तो यह ब्रिज अपने आप में बहुत खास है, क्योंकि यह दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है. इस ब्रिज की कई खासियत है. इस ब्रिज को बनाने में करीब 1500 करोड़ रुपये इसे बनाने की लागत आई है. इस पर सिंगल लाइन ट्रैक है. एक बार में एक ट्रेन ही इससे जा सकती है. इसकी समंदर तल से ऊंचाई 1178 फीट है तो लंबाई 1315 मीटर है. चिनाब नदी पर बने इस रेलवे ब्रिज को तैयार करने में करीब 22 साल का समय लगा है. 271 किमी लंबे रेलवे ट्रैक पर बने ये ब्रिज जितना खूबसूरत है, इसकी मजबूती उससे कहीं ज्यादा है. इस ब्रिज को स्ट्रक्चरल स्टील से बनाया गया है, जिसकी वजह से यह - 10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को भी झेलने में सक्षम है. इस ब्रिज पर रेल यातायात शुरू हो जाने के बाद किसी भी मौसम में आसानी से कश्मीर पहुंचा जा सकता है.

जम्मू कश्मीर के विकास की गाथा सिर्फ ब्रिज तक ही सीमित नहीं है. अगर ब्रिज पर ट्रेनों को पहुंचना है तो कई सुरंगों के जरिए स्टेशन तक पहुंचना बेहद जरूरी है और रेलवे ने तकनीक और विज्ञान के बूते इसे करके दिखाया है. कश्मीर की यात्रा पर निकली एनडीटीवी की टीम ने उस ट्रेन की भी सवारी की. इस रेलखंड में कुल सात रेलवे स्टेशन हैं. सुरंग में दोनों तरफ आपको लाइट दिखेगी. जम्मू से श्रीनगर के बीच जितनी भी सुरंग बनाई गई है, उसकी सुरक्षा भी उतनी ही है. सीसीटीवी से मॉनिटरिंग की जा रही है. अलग-अलग स्टेशनों पर कंट्रोल रूम बनाया गया है.
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