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रेवन्ना का वो 'कवच' जिसकी वजह से पुलिस भी नहीं कर पा रही गिरफ्तार, पढ़ें पूरा मामला

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद उनपर वापसी का दबाव बढ़ गया है. ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद इंटरपोल संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जानकारी जुटाता है. संबंधित देश की एजेंसी के साथ डिटेल्स शेयर किए जाते हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि प्रज्वल रेवन्ना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है.

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रेवन्ना का वो 'कवच' जिसकी वजह से पुलिस भी नहीं कर पा रही गिरफ्तार, पढ़ें पूरा मामला
प्रज्वल रेवन्ना की हासन सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग हुई. इसके अगले ही दिन वो जर्मनी चले गए.
नई दिल्ली/बेंगलुरु:

कर्नाटक के सेक्स स्कैंडल (Karnataka Sex Scandal) में फंसे पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (HD Devegowda) के विधायक बेटे एचडी रेवन्ना (HD Revanna) और सांसद पोते प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. लेकिन इन तमाम मुश्किलों के बीच रेवन्ना के काम आ रहा है उनका वो 'कवच' जिसकी वजह से पुलिस चाहकर भी ना तो उन्हें गिरफ्तार कर पा रही है और ना ही उन्हे भारत आने के लिए मजबूर कर पा रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये 'कवच' है क्या, जिसके आगे पुलिस भी बेबस दिख रही है. ये कवच है वो राजनयिक पासपोर्ट जिसकी वजह से रेवन्ना भारत से निकलने के बाद 90 दिनों तक बैगर किसी गिरफ्तारी के दुनिया में कहीं भी घूम सकते हैं. 

आपको बता दें कि इस मामले में SIT ने एचडी रेवन्ना को 3 मई को अरेस्ट किया था. उन्हें 14 मई तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है. वहीं, हासन सीट से JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी हो गया था. मामला सामने आने के बाद 27 अप्रैल को प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी चले गए थे. उन्होंने अपने वकील के जरिए SIT को सूचित किया था कि वो 7 मई तक बेंगलुरु पहुंच जाएंगे. लेकिन डेडलाइन खत्म होने के बाद भी उनका कोई अता-पता नहीं हैं. उनके विदेश से लौटने के कोई संकेत भी नहीं मिल रहे हैं. 

दरअसल, प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद उनपर वापसी का दबाव बढ़ गया है. ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद इंटरपोल संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जानकारी जुटाता है. संबंधित देश की एजेंसी के साथ डिटेल्स शेयर किए जाते हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि प्रज्वल रेवन्ना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है. इससे SIT के काम करने के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठ रहे हैं.

CBI प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस' जारी कर सकती है : SIT

कर्नाटक हाईकोर्ट की सीनियर क्रिमिनल लॉयर प्रमिला नसेरगी ने ऐसे कई पॉइंट गिनाए, जिससे SIT की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं. नसेरगी ने NDTV से कहा, "प्रज्वल रेवन्ना पर भले ही बवाल खड़ा किया गया हो, लेकिन SIT कानून संगत तरीके से काम नहीं कर रही." 

प्रमिला नसेरगी कहती हैं, "SIT ने प्रज्वल रेवन्ना के डेप्लोमेटिक पासपोर्ट को लेकर बड़ी लापरवही बरती. SIT ने ब्लू कॉर्नर नोटिस तो दिया, लेकिन प्रज्वल रेवन्ना का डेप्लोमेटिक पासपोर्ट जब्त करने के लिए अदालत में अर्ज़ी नहीं दी. ये तो बहुत जरूरी होता है." उन्होंने कहा, "सीएम सिद्धारमैय्या ने पासपोर्ट रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा, लेकिन इसे पासपोर्ट रद्द करने के लिए कानूनी मानदंड नहीं माना जा सकता."

सांसदों को दिया जाता है मैरून रंग का डेप्लोमेटिक पासपोर्ट
दरअसल, प्रज्वल रेवन्ना के पास सांसदों को दिए जाने वाला मैरून रंग का डेप्लोमेटिक पासपोर्ट है. दुनिया के 34 देशों में इस पासपोर्ट के जरिए बगैर वीज़ा के आवाजाही की जा सकती है. इन 34 देशों में जर्मनी भी शामिल है. अगर कानूनी प्रक्रिया के जरिए इस पासपोर्ट को रद्द नहीं किया जाता है, तो 90 दिनों तक प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी में रह सकते हैं.

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पीड़ित महिला का बयान क्यों नहीं हुआ दर्ज
प्रमिला नसेरगी ने पीड़ित महिला का मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज नहीं करने को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, "जिस महिला ने प्रज्वल रेवन्ना पर रेप और उनके पिता एचडी रेवन्ना पर किडनैपिंग का आरोप लगाया है, उसका बयान CRPC की धारा 164 के तहत अब तक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज क्यों नहीं किया गया? SIT का ये एक बड़ा फॉल्ट है."

परिवार ने की CBI से जांच करवाने की मांग
इस बीच देवगौड़ा परिवार ने इस मामले की जांच SIT के बजाय CBI से कराने की मांग की है. कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारास्वामी ने गुरुवार को राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात की. उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि सेक्स स्कैंडल मामले की जांच CBI से करवाई जाए, क्योंकि उनके परिवार को SIT की जांच पर भरोसा नहीं है.

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कर्नाटक सरकार ने दिया ये जवाब
कर्नाटक के गृहमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने कहा कि कुमारस्वामी ने करीब 100 सवाल किए हैं. मैं उन सभी का जवाब नहीं दूंगा. उन्होंने CBI जांच कराने की मांग की है, जो हम नहीं कराने जा रहे हैं. हम SIT जांच के लिए सक्षम हैं. हम उचित जांच कराएंगे."

क्या है पूरा मामला?
कथित सेक्स टेप पेन ड्राइव में सेव करके 22 और 23 अप्रैल के बीच सर्कुलेट किए गए. प्रज्वल रेवन्ना के सहयोगी की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई गई कि इस तरह के अश्लील पेन ड्राइव्स और वीडियो को शेयर करने से रोका जाए. साथ ही इसके लिए ज़िम्मेदार लोगो के खिलाफ कार्रवाई की जाए. 26 अप्रैल को हासन में वोटिंग हुई. 

27 अप्रैल को प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ उनकी पुरानी घरेलू सहायिका (मेड) ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. इसके बाद प्रज्वल के करीब 200 से ज्यादा वीडियो सामने आए. कथित वीडियो में कुछ महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगा रही हैं. जबकि प्रज्वल रेवन्ना को वीडियो शूट करते देखा जा सकता है. ऐसे तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे हैं. ये वीडियो कितने ओरिजनल हैं और कितने मॉर्फ्ड... इसकी जांच अभी होनी है.

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प्रज्वल ने वीडियोज को मॉर्फ्ड बताया 
सेक्स स्कैंडल में नाम सामने आने के बाद प्रज्वल रेवन्ना ने सभी आरोपों को खारिज किया और सर्कुलेट हो रहे वीडियो को मॉर्फ्ड बताया. प्रज्वल ने इस बारे में शिकायत भी दर्ज कराई थी. इसी दिन वो जर्मनी चले गए. विवाद बढ़ने के बाद उन्हें JDS ने 30 अप्रैल को पार्टी से सस्पेंड कर दिया.

वीडियो 4-5 साल पुराने-एचडी रेवन्ना 
इधर, प्रज्वल रेवन्ना के पिता एचडी रेवन्ना ने कहा, "मैं नहीं जानता ये कैसा षड्यंत्र रचा गया है. मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो आसानी से डर कर भाग जाऊं. उन्होंने जो वीडियो रिलीज किए हैं, वे 4-5 साल पुराने हैं. ​​​​जांच होने दीजिए. पिछले 40 साल में कांग्रेस की सरकार में हमने कई जांच का सामना किया है."

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कर्नाटक सेक्स स्कैंडल की टाइम लाइन
-21 से 22 अप्रैल के बीच हासन की सड़कों, चौक चौराहों, बस की सीटों पर 8000 के आस-पास पेन ड्राइव्स मिले. इसमें 2900 के आसपास ऑडियो वीडियो क्लिप्स और अश्लील तस्वीरें थी.
-22 अप्रैल को प्रज्वल के सहयोगी ने इसके प्रचार प्रसार को रोकने के लिए पुलिस में मामला दर्ज करवाया.
-27 अप्रैल को राज्य महिला आयोग ने पेन ड्राइव्स में महिलाओं से जुड़ा मामला होने की वजह से मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या को पत्र लिखकर मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की.
-27 अप्रैल को मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने  SIT के गठन का ऐलान किया.
-28 अप्रैल को SIT का गठन हुआ और इसकी कमान ADGP बीके सिंह को दी गई.
-28 अप्रैल को होलेनरसिंह पुर में एक महिला ने यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया.
-प्रज्वल रेवन्ना को इसी मामले में समन भेजा गया. इसके बाद दो और FIR दर्ज हुईं. इसमें प्रज्वल पर बलात्कार, ब्लैकमेल और डराने धमकाने की गैर ज़मानती धाराएं लगाई गईं. जबकि उसके पिता एचडी रेवन्ना पर किडनैंपिंग और मोलेस्टेशन का आरोप है.
-3 मई को एचडी रेवन्ना को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल वो 14 मई तक न्यायिक हिरासत में है.
-SIT के पहले सम्मन  के जवाब में प्रज्वल ने  ने एक हफ्ते का समय मांगा था, लेकिन SIT ने मोहलत देने से मना कर दिया.अब दूसरा समन भेजा गया है.
-इस बीच CBI ने SIT के कहने पर प्रज्वल रेवन्ना को तलाशने के लिए ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया.

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