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This Article is From May 07, 2024

प्रज्वल जैसे व्यक्ति के लिए कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए : PM मोदी

प्रधानमंत्री ने इस घटनाक्रम को बेहद संदिग्ध बताते हुए कहा कि उन्हें (रेवन्ना) देश से बाहर भेजे जाने के बाद वीडियो जारी किए गए.

प्रज्वल जैसे व्यक्ति के लिए कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए : PM मोदी
PM मोदी ने कहा कि अगर राज्य सरकार के पास सूचना थी तो सतर्कता बरतनी चाहिए थी. (फाइल)
नई दिल्‍ली :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को जोर देकर कहा कि प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) जैसे व्यक्ति के लिए कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए. उन्होंने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि उसने जद (एस) सांसद को देश से बाहर जाने दिया और वोक्कालिगा बहुल क्षेत्र में चुनाव संपन्न होने के बाद आपत्तिजनक सेक्स वीडियो जारी किए. मोदी ने समाचार चैनल टाइम्स नाउ को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही. चैनल की ओर से जारी इस साक्षात्कार के विवरण के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है क्योंकि यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा था.

उन्होंने कहा कि हजारों वीडियो की मौजूदगी से लगता है कि यह उस समय का है जब जनता दल (सेक्यूलर) का कांग्रेस के साथ गठबंधन था.

उन्होंने कहा कि ये वीडियो तब एकत्र किए गए थे जब वे सत्ता में थे और वोक्कालिगा समुदाय द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद चुनाव के दौरान उन्होंने इसे जारी किया गया.

प्रधानमंत्री ने इस घटनाक्रम को बेहद संदिग्ध बताते हुए कहा कि उन्हें (रेवन्ना) देश से बाहर भेजे जाने के बाद वीडियो जारी किए गए.

मोदी ने कहा कि अगर राज्य सरकार के पास सूचना थी तो उसे हवाई अड्डे पर नजर रखनी चाहिए थी और सतर्कता बरतनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा, 'आपने कुछ नहीं किया. भारत सरकार को सूचित नहीं किया गया. इसका मतलब है कि यह एक राजनीतिक खेल था और वे जानते हैं कि ये वीडियो उस समय से थे जब वे गठबंधन में थे और उन्होंने इन वीडियो को एकत्र किया था. हालांकि, यह मेरा मुद्दा नहीं है, मेरा मुद्दा यह है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए. हमारे देश में इस प्रकार के खेल बंद होने चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'जहां तक मोदी की बात है, जहां तक भाजपा की बात है, जहां तक हमारे संविधान की बात है, मेरा स्पष्ट विचार है कि ऐसे लोगों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने) की नीति होनी चाहिए. उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करके कड़ी सजा दी जानी चाहिए.'

उन्हें वापस लाना चाहिए और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए : PM मोदी

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हमें उन्हें वापस लाना चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. कोई अगर-मगर नहीं होना चाहिए.'

कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) ने 2018 के चुनावों के बाद कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाई थी और 2019 का लोकसभा चुनाव साथ लड़ने के बाद दोनों अलग हो गए थे.

पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा नीत पार्टी ने पिछले साल सितंबर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया था और दोनों दल मौजूदा लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ रहे हैं.

कांग्रेस ने रेवन्ना के कथित यौन उत्पीड़न के मुद्दे का इस्तेमाल भाजपा पर निशाना साधने के लिए किया है.

गौड़ा के पोते रेवन्ना हासन से फिर चुनाव लड़ रहे हैं, जहां 26 अप्रैल को मतदान हुआ था. इस क्षेत्रीय पार्टी का दक्षिण कर्नाटक में प्रभाव है, खासकर वोक्कालिगा समुदाय के बीच, जिससे गौड़ा ताल्लुक रखते हैं.

मैंने पूरी तरह से उनकी पोल खोल दी है : कांग्रेस पर बरसे PM मोदी

विरासत कर और संपत्ति के पुनर्वितरण जैसे मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ अपने आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी बात रखने के लिए विपक्षी पार्टी और उसके नेताओं की भाषा, शब्दों और लिखित आश्वासन का हवाला दिया है.

उन्होंने कहा, 'इस बार मैंने पूरी तरह से उनकी पोल खोल दी है. यही कारण है कि वे परेशान हैं. जब वे एक समुदाय से वोट मांगने जाते हैं, तो वे अलग तरह से बोलते हैं और जब वे दूसरे समुदाय से संपर्क करते हैं, तो वे तटस्थ रुख अपनाते हैं. यह उनका दोहरा चरित्र है.'

उन्होंने कहा कि यह भाजपा के विपरीत है जो हमेशा राम मंदिर बनाने, अनुच्छेद 370 हटाने और समान नागरिक संहिता की बात करती है.

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ कांग्रेस लगातार झूठ बोल रही है और भाजपा पर यह आरोप लगा रही है कि उसकी मंशा संविधान को बदलने की है.

उन्होंने कहा, 'वे हमारी बात को सुनने से इनकार कर रहे हैं. अब कांग्रेस पूछती है कि उसके घोषणापत्र में संपत्ति वितरण और विरासत कर का उल्लेख कहां है. कांग्रेस को दोहरा मापदंड नहीं अपनाना चाहिए. कांग्रेस को जवाब देना होगा.'

धर्म आधारित आरक्षण के खिलाफ अपने तर्कों पर उन्होंने कहा कि इस तरह का विचार संविधान के खिलाफ है.

अपनी सरकार के कल्याणकारी कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वह धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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