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This Article is From Jan 12, 2023

सद्गुरु ईशा योग केंद्र को कर्नाटक हाईकोर्ट का नोटिस, पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप

सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन द्वारा 15 जनवरी को प्रतिमा का अनावरण किया जाना था, जिसपर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फिलहाल रोक लगा दी है. केंद्रीय पर्यावरण वन मंत्रालय, कर्नाटक सरकार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और ईशा योग केंद्र, कोयम्बटूर, 16 उत्तरदाताओं में शामिल हैं.

सद्गुरु ईशा योग केंद्र को कर्नाटक हाईकोर्ट का नोटिस, पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप
जनहित याचिका क्याथप्पा एस. और चिक्कबल्लपुर के कुछ अन्य ग्रामीणों द्वारा दायर की गई है

बेंगलुरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आदियोगी मूर्ति के अनावरण और नंदी पहाड़ियों की तलहटी में ईशा योग केंद्र खोलने पर बुधवार को यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया। राज्य, योग केंद्र और 14 अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए न्यायालय ने स्थगन का अंतरिम आदेश जारी किया। सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन द्वारा 15 जनवरी को प्रतिमा का अनावरण किया जाना था।

जनहित याचिका (पीआईएल) में आरोप लगाया गया है कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील इलाके में एक वाणिज्यिक उद्यम स्थापित किया जा रहा है और सरकार ने इस उद्देश्य के लिए अवैध रूप से भूमि आवंटित की है। जनहित याचिका क्याथप्पा एस. और चिक्कबल्लपुर के कुछ अन्य ग्रामीणों द्वारा दायर की गई है।

केंद्रीय पर्यावरण वन मंत्रालय, कर्नाटक सरकार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और ईशा योग केंद्र, कोयम्बटूर, 16 उत्तरदाताओं में शामिल हैं। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्राधिकारियों ने योग केंद्र के आध्यात्मिक गुरु के इशारे पर प्रसिद्ध नंदी पहाड़ी के आधार में एक निजी फाउंडेशन स्थापित करने के लिए उन उल्लंघनों को होने दिया, जिसने पर्यावरण पारिस्थितिकी तंत्र, नंदी पहाड़ी के मूल क्षेत्र, चिक्कबल्लपुर होबली में एनडीबी तलहटी को नष्ट किया।

जनहित याचिका में कहा गया है कि प्राधिकारियों ने कई सदियों से अस्तित्व में रहे नंदी पहाड़ी और नरसिम्हा देवारू रेंज (बेट्टा) की तलहटी में पारिस्थितिकी तंत्र, पर्यावरण और प्राकृतिक वर्षा जल धाराओं, जलाशयों, जल धाराओं को पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करते हुए नष्ट करने दिया। याचिका में कहा गया है कि इसका सीधा असर नंदी पहाड़ी क्षेत्र में रहने वालों, उनकी आजीविका, मवेशियों, भेड़, जंगली जानवरों पर पड़ रहा है।

जनहित याचिका में दावा किया गया है कि नदियां उत्तर पिनाकिनी और दक्षिण पिनाकिनी नंदी पहाड़ी से निकलती हैं, प्रभावित होंगी। इसमें कहा गया है कि योग केंद्र भगवान शिव की एक धातु की मूर्ति यहां लाया और मूर्ति स्थापना के लिए जमीन को क्षति पहुंचायी।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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