कैड कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा लोकसभा स्पीकर के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. एक्स (X) के नाम से दाखिल याचिका में लोकसभा स्पीकर के तीन सदस्यीय कमेटी के गठन को ही चुनौती दे दी है.
गौरतलब है कि लोकसभा स्पीकर ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. समिति में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और विधिवेत्ता बी वी आचार्य शामिल हैं. अब वर्मा ने इसके खिलाफ ही केस दाखिल किया है.
सुप्रीम कोर्ट स्पीकर के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है. शीर्ष अदालत ने लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने दोनों पक्षों से 7 जनवरी तक जवाब मांगा है. जस्टिस वर्मा ने अपनी एक्स नाम से दाखिल याचिका में संसद की तरफ से अपनाई गई प्रक्रिया को ही चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि ऐसी समिति का गठन तभी किया जा सकता है जब लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन किसी प्रस्ताव को स्वीकार करें. उन्होंने कहा कि जबकि मौजूदा मामले में केवल लोकसभा ने प्रस्ताव पारित किया है.
उन्होंने याचिका में कहा कि राज्यसभा में प्रस्ताव अभी लंबित है. शीर्ष अदालत ने इस बारे में नोटिस जारी कर दिया है. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या कानून बनाने वालों को यह नहीं पता कि ऐसा नहीं किया जा सकता है?
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