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This Article is From Jan 24, 2025

वक्फ बिल पर JPC की बैठक: भारी हंगामा, 10 विपक्षी सांसद सस्पेंड

अबतक जेपीसी की 34 बैठक हो चुकी हैं, जिसमें करीब 107 घंटे चर्चा हुई है. 27 जनवरी से कमिटी बिल को लेकर अपनी रिपोर्ट के मसौदे पर क्रमवार चर्चा शुरू करेगी. माना जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में ही जेपीसी अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर देगी.

जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम को गरीबों के लिए अहम बताया है.

नई दिल्ली:

वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति की बैठक में शुक्रवार को हंगामा हुआ और विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मसौदा विधेयक में प्रस्तावित बदलावों के अध्ययन के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुनने वाली है. मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की और इसी दौरान विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में हंगामा हो गया.

समिति की कार्यवाही ‘तमाशा' बन गई: विपक्ष

विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही है. बैठक के दौरान तीखी बहस के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई. तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन बैठक से बाहर निकल आए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही ‘तमाशा' बन गई है. उन्होंने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों पर खंडवार विचार करने के लिए 27 जनवरी को होने वाली बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए.

"बैठक में अघोषित आपातकाल जैसा माहौल चल रहा है. सभापति इस (बैठक) को आगे बढ़ा रहे हैं और वह किसी की नहीं सुन रहे हैं .हमें बताया गया था कि 24 और 25 जनवरी को बैठक होगी. अब, आज की बैठक के लिए, एजेंडा को खंड दर खंड चर्चा से बदल दिया गया है."

कल्याण बनर्जी

TMC सांसद, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 JPC के सदस्य

एक दिन के लिए निलंबित किए गए ये सांसद
कल्याण बनर्जी
 मोहम्मद जावेद
 ए राजा
 असदुद्दीन औवेसी
नासिर हुसैन
 मोहिबुल्लाह
 मोहम्मद अब्दुल्ला
 अरविन्द सावंत
 नदीम-उल हक
 इमरान मसूद

आवाज को दबाने की कोशिश: बीजेपी

बीजेपी सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपरा के खिलाफ है और वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. समिति के समक्ष पेश होने से पहले मीरवाइज ने संवाददाताओं से कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं और धर्म के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप नहीं करने का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हमारे सुझावों को सुना जाएगा और उन पर अमल किया जाएगा तथा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जो मुसलमानों को महसूस कराए कि उन्हें शक्तिहीन किया जा रहा है.''

उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ का मुद्दा बहुत गंभीर मामला है, खासकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए. क्योंकि यह एक मुस्लिम बहुल राज्य है. कई लोगों को इस बारे में चिंताएं हैं और हमने इन चिंताओं के बिंदुवार समाधान के लिए एक विस्तृत ज्ञापन तैयार किया है। हम चाहते हैं कि सरकार वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करने से बचे.'' उन्होंने दावा किया कि जब मस्जिदों और मंदिरों की बात होती है तो जम्मू-कश्मीर में पहले से ही तनाव का माहौल है.

मीरवाइज ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे जम्मू कश्मीर में माहौल खराब हो. इससे पहले मीरवाइज, पाल से उनके आवास पर मिलने वाले थे, यह पहली बार है जब लगभग निष्क्रिय हो चुके अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद कश्मीर घाटी से बाहर कदम रखा है.

जेपीसी ने हाल के महीनों में देश के विभिन्न राज्यों में बैठकों के माध्यम से वक्फ से जुड़े विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श करके उनकी आपत्तियों को जानने की कोशिश की है. अबतक जेपीसी की 34 बैठक हो चुकी हैं, जिसमें करीब 107 घंटे चर्चा हुई है. 27 जनवरी से कमेटी बिल को लेकर अपनी रिपोर्ट के मसौदे पर क्रमवार चर्चा शुरू करेगी. माना जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में ही जेपीसी अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर देगी.

  • बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में गठित पैनल में 31 सांसद शामिल हैं,

  • इनमें 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं. भारत में लगभग 30 वक्फ बोर्ड हैं,

  • 30 वक्फ बोर्ड, नौ लाख एकड़ से अधिक भूमि पर फैली संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं.

  • इसका अनुमानित मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपये है

  • भारतीय रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद देश में सबसे जमीन वक्फ बोर्ड के पास है..

विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अगस्त को पहली बैठक में कई विपक्षी सदस्यों ने दावा किया था कि विधेयक के प्रावधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के कानूनों का उल्लंघन करते हैं. विपक्षी सदस्यों ने विधेयक में उल्लिखित विभिन्न धाराओं पर सवाल उठाए थे, जिसमें विशेष रूप से जिला कलेक्टरों को विवादित संपत्ति के स्वामित्व पर निर्णय लेने का अधिकार देने के प्रस्ताव के साथ-साथ गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव पर सवाल किया गया. (भाषा इनपुट के साथ)

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