उत्तराखंड के धर्म संसद में भड़काऊ बयान देने के आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. जितेंद्र नारायण त्यागी ने याचिका में अपने खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने त्यागी के खिलाफ दर्ज 3 एफआईआर रद्द करने का आदेश देने से इनकार किया है. कोर्ट ने कहा कि तीनों मामले गंभीर हैं और ये मामले उत्तराखंड के हैं. याचिकाकर्ता चाहे तो उत्तराखंड हाईकोर्ट जाकर वहां अर्जी दाखिल कर सकता है.
दरअसल, जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी पर हरिद्वार में हुए धर्म संसद में इस्लाम और पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में 13 जनवरी 2022 को गिरफ्तार किया गया था. वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और FIR रद्द करने की मांग की थी.
ये है पूरा मामला
उत्तरी हरिद्वार वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद हुई थी. आरोप है कि इसमें जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने नफरती भाषण दिया था. जिसका वीडियो वायरल होने पर 27 दिसंबर को नगर कोतवाली में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. इसी साल 13 जनवरी को पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया और कोर्ट ने हरिद्वार जेल भेज दिया था.
17 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी को मेडिकल ग्राउंड पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी. जमानत अवधि पूरी होने पर तीन सितंबर को त्यागी ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने त्यागी की जमानत सशर्त मंजूर कर दी.
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