हरियाणा डीजीपी वाय पी सिंघल
चंडीगढ़:
हरियाणा में हिंसक हो रहे जाट आंदोलन पर राज्य के डीजीपी वायपी सिंघल ने मीडिया से बातचीत के जरिए गांव के बुजुर्गों से अपील की है कि वह अपने बच्चों को आंदोलन में भाग लेने से रोकें। साथ ही डीजीपी ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी हर जगह सड़के ब्लॉक नहीं कर रहे हैं और कई जगहों पर पुलिस और प्रशासन से बातचीत के बाद शांतिपूर्ण रास्ता भी अख़्तियार किया जा रहा है।
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पढ़े - जाट आरक्षण आंदोलन हिंसक हुआ
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खाप पंचायत से अनुरोध
डीजीपी ने अपनी पहली प्राथमिकता कानून-व्यवस्था कायम रखना बताते हुए खाप पंचायत से भी अनुरोध किया है कि वह ऐसी किसी भी सभा का आयोजन न करें, जिसे देखकर बच्चे या जवान इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित हो जाएं। सिंघल ने कहा कि अभी तक पैरामिलेट्री की 10 कंपनियां राज्य में पहुंच चुकी हैं और 23 रास्ते में हैं। बातचीत के ज़रिए प्रदर्शन को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने भरोसा जताया है कि इस हिंसा के साजिशकर्ताओं की जल्दी ही पहचान कर ली जाएगी और उन पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
जब सिंघल से इस मामले में पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने संबंधी सवाल किया गया तो जवाब में डीजीपी ने माना कि पुलिस जवानों की तैनाती कारगर रूप से नहीं की गई थी। हालांकि, डीजीपी का कहना है कि अभी भी हालातों को पूरी तरह मिलिट्री के भरोसे नहीं छोड़ा गया है और प्रशासन से मिलने वाले आदेश के मुताबिक ही सेना काम कर रही है। सिंघल ने संतोष जताया कि स्थिति कल से बेहतर है और उन्हें आशा है कि जनता के सहयोग से स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा।
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खाप पंचायत से अनुरोध
डीजीपी ने अपनी पहली प्राथमिकता कानून-व्यवस्था कायम रखना बताते हुए खाप पंचायत से भी अनुरोध किया है कि वह ऐसी किसी भी सभा का आयोजन न करें, जिसे देखकर बच्चे या जवान इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित हो जाएं। सिंघल ने कहा कि अभी तक पैरामिलेट्री की 10 कंपनियां राज्य में पहुंच चुकी हैं और 23 रास्ते में हैं। बातचीत के ज़रिए प्रदर्शन को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने भरोसा जताया है कि इस हिंसा के साजिशकर्ताओं की जल्दी ही पहचान कर ली जाएगी और उन पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
जब सिंघल से इस मामले में पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने संबंधी सवाल किया गया तो जवाब में डीजीपी ने माना कि पुलिस जवानों की तैनाती कारगर रूप से नहीं की गई थी। हालांकि, डीजीपी का कहना है कि अभी भी हालातों को पूरी तरह मिलिट्री के भरोसे नहीं छोड़ा गया है और प्रशासन से मिलने वाले आदेश के मुताबिक ही सेना काम कर रही है। सिंघल ने संतोष जताया कि स्थिति कल से बेहतर है और उन्हें आशा है कि जनता के सहयोग से स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा।
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