
राम माधव का फाइल फोटो...
श्रीनगर:
भाजपा महासचिव राम माधव ने जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर पहली औपचारिक वार्ता के लिए आज यहां पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की। राज्य में पिछले एक माह से अधिक समय से राज्यपाल शासन लागू है।
चार्टर्ड विमान से यहां पहुंचे माधव सीधे महबूबा के आवास पर गए, जहां दोनों ने करीब घंटे भर तक सीधी बातचीत की। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पीडीपी के दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में पिछले साल राज्य में गठबंधन की सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले माधव ने बैठक के बाद मीडिया से कोई बात नहीं की और वह सीधे दिल्ली वापसी के लिए हवाई अड्डा लौट गए।
राज्य में सरकार गठन को लेकर वरिष्ठ भाजपा और पीडीपी नेताओं के बीच यह पहली औपचारिक बैठक थी, जहां आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लगा हुआ है। उस समय मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद का अचानक निधन होने के कारण राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया था।
अपने पिता के बाद मुख्यमंत्री पद पर उनकी उत्तराधिकारी के रूप में देखी जा रही महबूबा ने हाल ही में सरकार गठन को लेकर कड़े स्वर में बात की और मांग की कि केंद्र की भाजपा सरकार को एक तय समयसीमा के भीतर राज्य के 'महत्वपूर्ण' राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के लिए कुछ 'विश्वास बनाने वाले कदम' उठाने चाहिए।
कुछ ऐसे मुद्दे जिन पर पीडीपी चाहती है कि केंद्र सरकार कदम उठाए, उनमें अफ्स्पा को हटाया जाना, राज्य में अलगाववादियों के साथ बातचीत, जम्मू-कश्मीर के लिए दो स्मार्ट सिटी को मंजूरी प्रदान करना और राज्य के लिए विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं।
चार्टर्ड विमान से यहां पहुंचे माधव सीधे महबूबा के आवास पर गए, जहां दोनों ने करीब घंटे भर तक सीधी बातचीत की। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पीडीपी के दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में पिछले साल राज्य में गठबंधन की सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले माधव ने बैठक के बाद मीडिया से कोई बात नहीं की और वह सीधे दिल्ली वापसी के लिए हवाई अड्डा लौट गए।
राज्य में सरकार गठन को लेकर वरिष्ठ भाजपा और पीडीपी नेताओं के बीच यह पहली औपचारिक बैठक थी, जहां आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लगा हुआ है। उस समय मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद का अचानक निधन होने के कारण राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया था।
अपने पिता के बाद मुख्यमंत्री पद पर उनकी उत्तराधिकारी के रूप में देखी जा रही महबूबा ने हाल ही में सरकार गठन को लेकर कड़े स्वर में बात की और मांग की कि केंद्र की भाजपा सरकार को एक तय समयसीमा के भीतर राज्य के 'महत्वपूर्ण' राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के लिए कुछ 'विश्वास बनाने वाले कदम' उठाने चाहिए।
कुछ ऐसे मुद्दे जिन पर पीडीपी चाहती है कि केंद्र सरकार कदम उठाए, उनमें अफ्स्पा को हटाया जाना, राज्य में अलगाववादियों के साथ बातचीत, जम्मू-कश्मीर के लिए दो स्मार्ट सिटी को मंजूरी प्रदान करना और राज्य के लिए विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं।
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