जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन बचाने के लिए कांग्रेस ने पहल की है. दरअसल, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में विधानसभा चुनावों के तहत कुछ सीटों पर मतभेद है. कांग्रेस इसी मतभेद को दूर करने की कोशिश में जुटी है. कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ अपने चुनाव पूर्व गठबंधन को बचाने के लिए अपने संकटमोचकों को श्रीनगर भेज दिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि बात बन सकती है.
मतभेदों को दूर करने में जुटी कांग्रेस
विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख से एक दिन पहले गठबंधन को सीट बंटवारे के फॉर्मुले पर बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. मतभेदों को दूर करने की कोशिश में के सी वेणुगोपाल और सलमान खुर्शीद आज फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मिलेंगे. पिछले हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने अब्दुल्ला से मुलाकात की थी और जम्मू-कश्मीर में गठबंधन बनाने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन बातचीत के बीच सीटों के बंटवारे पर मतभेद गहरा गया और गठबंधन की संभावनाएं लटकती दिख रही हैं.
इसस पहले कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने की इच्छा जाहिर की थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ घाटी में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनावों की जमीनी स्तर की तैयारियों के बारे में ‘फीडबैक' लिया था.
जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की पहल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था, 'चुनाव की घोषणा के बाद यह पहली बैठक थी... हम यहां चुनाव और गठबंधन के लिए स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए आए हैं. राहुल गांधी के नेतृत्व में हमने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की पहल की है. हम इस दिशा में काम करने का वादा करते हैं.' उन्होंने कहा कि गांधी की जम्मू कश्मीर में चुनाव पूर्व गठबंधन बनाने में रुचि है.
राहुल गांधी अन्य पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के इच्छुक
कांग्रेस अध्यक्ष ने साथ ही ये भी कहा था कि राहुल गांधी अन्य पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. ‘इंडिया' गठबंधन ने एक तानाशाह को पूर्ण बहुमत के साथ (केंद्र में) सत्ता में आने से रोका.' कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद चिंतित है, क्योंकि वे जिन विधेयकों को पारित कराना चाहते थे, उनमें से कुछ को या तो वापस ले लिया गया है या संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया है.
घाटी के लोगों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं
इसी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि भाजपा अपने बहुमत का फायदा उठाकर कृषि कानून जैसे कानून पारित करती है. जम्मू कश्मीर के बारे में उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा द्वारा किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है. खरगे ने कहा, 'चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर के लोगों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है. वे सभी जुमला हैं.' जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में- 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे. मतों की गिनती चार अक्टूबर को होगी.
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