देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कोराना संकट को देखते हुए इस बार सीमित संख्या में लोगों को हज कराने के सऊदी अरब सरकार के फैसले का स्वागत किया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुधवार को कहा कि यह मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए राहत की बात है कि हज का सिलिसला नहीं थमेगा. जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, ‘यह एक उचित और सराहनीय फैसला है. हम सऊदी अरब सरकार का आभार प्रकट करते हैं. पूरी दुनिया में इस बात को लेकर लोगों के मन में यह आशंकाएं पैदा हो रही थीं कि कोरोना को देखते हुए हुए इस साल हज को स्थगित हो सकता है.'
उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए यह राहत की बात है कि हज स्थगित नहीं होगा.' गौरतलब है कि सऊदी अरब हज एवं उमरा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी के चलते धार्मिक स्थलों पर भीड़ भाड़ वाले कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है. यह निर्णय लिया गया है कि विभिन्न देशों के जो लोग इस समय सऊदी अरब में रह रहे हैं उन्हीं के द्वारा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हज करने की अनुमति दी जाएगी.
इस बीच, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सऊदी अरब सरकार के आग्रह पर इस साल भारत से किसी को भी हज के लिए नहीं भेजने का फैसला किया गया है. हज-2020 जुलाई के आखिर और अगस्त महीने की शुरुआत के बीच की अवधि में प्रस्तावित है.
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