कोलकाता: जादवपुर विश्वविद्यालय के 17 वर्षीय छात्र की मौत से रैगिंग पर बहस छिड़ गई है. पुलिस जांच में पता चला है कि छात्र को हॉस्टल कैंपस में निर्वस्त्र कर घुमाया गया था. 9 अगस्त की रात को, परिसर के पास मेन हॉस्टल की दूसरी मंजिल की बालकनी से कथित तौर पर गिरने के बाद किशोर की मौत हो गई. उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल में उसे रैगिंग और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. पुलिस ने मामले में अब तक 13 गिरफ्तारियां की हैं.
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रैगिंग से बचने के लिए छात्र एक कमरे से दूसरे कमरे में भागता रहा
जांच में पाया गया कि एक घंटे से अधिक समय तक उसकी रैगिंग की गई और वह रैगिंग से बचने के लिए एक कमरे से दूसरे कमरे में भागता रहा. सूत्रों ने बताया कि रैगिंग प्रकरण के दौरान छात्र को समलैंगिक टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ा. सूत्रों ने बताया कि अब तक गिरफ्तार किए गए 13 आरोपियों में से कम से कम 12 के खिलाफ पुलिस के पास सबूत हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ POCSO एक्ट (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) लागू करने पर विचार कर रही है.
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पुलिस के मुताबिक, जब सीनियर छात्र उसका पीछा कर रहे थे तो वह दूसरी मंजिल पर एक कमरे से दूसरे कमरे में भागने लगा. पुलिस के मुताबिक यह सिलसिला रात 11 बजे तक जारी रहा.
मौत से पहले मां को कॉल कर कही ये बात
पीड़ित के चाचा ने कहा, पीड़ित ने बुधवार शाम को अपनी मां से बात की थी और उन्हें बताया कि उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा है और वह डरा हुआ है. उसकी मां ने उससे पूछा कि क्या हुआ तो उसने कहा, ''कृपया आप जल्दी आएं. मुझे आपसे बहुत सारी बातें बतानी हैं.'' जब उसने उसे वापस फोन किया, तो कॉल रिसीव नहीं हुआ. इसके लगभग एक घंटे बाद उसके माता-पिता को फोन आया कि वे कोलकाता आ जाएं क्योंकि उनका बेटा गिर गया है.
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