जम्मू-कश्मीर में नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल (Shah Faesal) को जल्द ही रिहा किया जा सकता है. अधिकारियों के मुताबिक शासन ने उनके खिलाफ लगाया पब्लिक सेफ्टी एक्ट को हटा लिया है. अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद 2010 के आईएएस टॉपर को हिरासत में लिया गया था.जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के एक करीबी रिश्तेदार सहित पीडीपी के दो सदस्यों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) बुधवार को हटा दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष फैसल के खिलाफ विवादास्पद पीएसए 14 मई को तीन महीने के लिये बढ़ा दिया गया था, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग के बुधवार के एक आदेश के जरिये इस आदेश को अब निरस्त कर दिया गया.
फैसल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किये जाने के बाद से हिरासत में थे. उनके खिलाफ इस साल फरवरी में पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था. गृह विभाग ने पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी और पीर मंसूर के खिलाफ भी पीएसए हटा दिया।. मदनी एक सरकारी बंगले में नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर के साथ रखे गये थे. उनकी हिरासत पांच मई को तीन महीने के लिये बढ़ा दी गई थी.
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने शाह फैसल की रिहाई पर ट्वीट किया. उमर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'शाह फैसल, पीर मंसूर और सरताज मदनी को पीएसए हिरासत से रिहा जाने पर खुश हूं. लेकिन महबूबा मुफ्ती, सागर एसबी और हिलाल लोन को अभी भी हिरासत में रखना निराशाजनक है. अब बहुत समय हो गया है इन सभी को भी रिहा कर कर देना चाहिए.'
Good to hear @shahfaesal, Peer Mansoor & Sartaj Madani have been released from their unjust PSA detention. Disappointed that @MehboobaMufti, Sagar Sb & Hilal Lone continue to be detained. It's high time they are set free as well.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 3, 2020
पूर्व CM उमर अब्दुल्ला 8 महीने बाद रिहा
इससे पहले 24 मार्च को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग आठ महीने बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया था. जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाने के बाद उनकी रिहाई का आदेश जारी किया गया था. गत 10 मार्च को 50 साल के हुए अब्दुल्ला ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद, 232 दिन हिरासत में गुजारे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता को पूर्व में एहतियातन हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में पांच फरवरी को उन पर पीएसए लगा दिया गया था.
फैसल ने की थी केंद्र सरकार की आलोचना
शाह फैसल ने एक फेसबुक पोस्ट में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए लिखा था, 'घाटी में पुलिस की कार्रवाई से करीब 80 लाख लोग बंदी के समान रहने को मजबूर हो गए हैं. राज्य में इस तरह के हालात पहले कभी नहीं थे. जीरो ब्रिज से एयरपोर्ट तक कुछ ही वाहन दिख रहे हैं. सभी जगहें पूरी तरह से बंद हैं. मरीजों को छोड़कर किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.'
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