
- भारत में निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए की पहली उड़ान नासिक में HAL के प्लांट से होगी।
- रक्षामंत्री मार्क-1ए की तीसरी उत्पादन लाइन और हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर की दूसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन करेंगे.
- एचएएल का लक्ष्य है कि अगले चार वर्षों में भारतीय वायुसेना को 83 तेजस मार्क-1ए विमानों की डिलीवरी पूरी की जाए.
भारत के लिये शुक्रवार बहुत बड़ा दिन है. देश की विमानन और रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के प्लांट से देश में निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1 ए अपनी पहली उड़ान भरेगा. इस ऐतिहासिक अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे. रक्षामंत्री इस अवसर पर हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर (HTT) की दूसरी उत्पादन लाइन और तेजस मार्क 1 ए की तीसरी उत्पादन लाइन का भी उद्घाटन करेंगे. यह कदम भारत के रक्षा विनिर्माण ढांचे को और मजबूत बनाएगा.
कब मिलेगी एयरफोर्स को डिलीवरी
वायुसेना में तेजस मार्क 1 ए के शामिल होने की की तारीख का अभी ऐलान नहीं हुआ है लेकिन एचएएल का कहना है अब बहुत जल्द ही इसे वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा. वैसे एचएएल का लक्ष्य है कि आने वाले चार सालों में भारतीय वायुसेना को 83 तेजस मार्क 1 ए विमानों की डिलीवरी पूरी कर दी जाए. पहले ही अमेरिकी इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण यह कार्यक्रम लगभग डेढ़ से दो साल पीछे चला गया है. कुछ समय पहले इसी मुद्दे पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर चुके हैं.
आपको बता दे कि पिछले दिनों मिग-21 के दो स्क्वाड्रन के रिटायर होने के बाद वायुसेना के पास अब सिर्फ 29 स्क्वाड्रन ही बचे हैं. देश के सामने सुरक्षा चुनौतियां पहले की तुलना में कहीं ज्यादा जटिल हो चुकी हैं. ऐसे में तेजस मार्क 1 ए की सेवा में जल्द शुरुआत वायुसेना की युद्धक क्षमता को नई मजबूती देगी.
इस तेजस की खासियतें
- तेजस मार्क 1 ए की खूबियों की बात अगर करें तो यह स्वदेशी और उन्नत डिजाइन है.
- तेजस मार्क 1 ए भारत में विकसित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का एडवांस वर्जन है.
- यह चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है जो हल्का, तेज और अत्यधिक सटीक है.
- दिन और रात के अलावा हर मौसम में यह ऑपेरशन को बखूबी अंजाम दे सकता है.
- यह विमान करीब साढ़े 5 टन से ज़्यादा के हथियार ले जाने में सक्षम है और एक साथ कई लक्ष्यों पर सटीक प्रहार कर सकता है.
- तेजस मार्क 1 ए में नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट, और हवा में ईंधन भरने जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं शामिल हैं.
सारी कलपुर्जे देश में ही बने
इसे देश में ही मैन्युफैक्चर किया जा रहा है और ऐसे में इसमें जरूरत के अनुसार इसमें बदलाव या इसमें कोई भी अपग्रेडेशन स्वदेशी स्तर पर ही किए जा सकते हैं. इसके लिए किसी विदेशी अनुमति की जरूरत नहीं होगी. इस वर्जन के 65 फीसदी कलपुर्जे देश में ही बने हैं. इस प्रोजेक्ट से भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग को नई दिशा मिली है, जो ‘मेक इन इंडिया' और ‘आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को मजबूती प्रदान करती है. तेजस मार्क 1 ए की पहली उड़ान न केवल भारत की तकनीकी क्षमता और इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है, बल्कि यह देश के स्वदेशी रक्षा उत्पादन और रणनीतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी.
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