केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने का अनुरोध अदालत से किया था. आज इस मामले में कोर्ट में सुनवाई की गई. इस दौरान सीबीआई ने तेजस्वी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में दिए बयान को पढ़ा और कहा कि सीबीआई को धमकी दी गई ताकि जांच को प्रभावित किया जा सके. वहीं दोनों पक्ष की पूरी दलील सुनने के बाद कोर्ट ने तेजस्वी यादव को चेतावनी दी है. तेजस्वी यादव से जज ने पूछा कि क्या डिप्टी सीएम रहते हुए ऐसे बयान देने चाहिए? कोर्ट ने कहा कि हम बेल कैंसल नहीं कर रहे हैं, इसका कोई आधार नहीं है. जज ने आगाह किया कि आप आगे से ऐसा कोई बयान नहीं देंगे. आगे जनता के बीच बोलें तो शब्दों का सही चयन करें.
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा, तेजस्वी द्वारा यह कहने की कोशिश की गई कि सीबीआई किसी के निर्देश पर काम कर रही है. तेजस्वी ने एजेंसी की इमेज खराब करने की कोशिश की. सीबीआई ने कहा इस केस से जुड़े जांच अधिकारी पर हमला हुआ, एक बार नहीं दो बार, लेकिन हमारे पास कोई सबूत नहीं है. न ही हम इस केस में इसको शामिल कर रहे है.
सीबीआई ने कहा तेजस्वी द्वारा दिया गया बयान न केवल सीबीआई को धमकी है बल्कि पूरे जांच में शामिल गवाहों को भी धमकी दी जा रही है. हमने कभी तेजस्वी को गिरफ्तार करने की कोशिश भी नहीं की. लेकिन अगर वो इस स्तर पर आ जाते हैं कि जांच एजेंसी को धमकाएं तो बेल कैंसल होनी चाहिए.
वहीं तेजस्वी के वकील ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने जो इंटरव्यू में कहा इसका केस से कोई लेना देना नहीं है. बात यूके की कर रहे हैं, सीबीआई जा रही है जापान. सीबीआई बताए कि आईआरसीटीसी केस में मैने किस शर्त का उल्लंघन किया. मैं लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी नहीं हूं. सीबीआई की पिक एंड चूज पॉलिसी है. शर्त ये थी कि मैं गवाहों को प्रभावित नहीं करूंगा, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करूंगा..लेकिन सीबीआई बताए कि क्या मैने ऐसा किया है?
तेजस्वी के वकील ने कोर्ट से सीबीआई के अर्जी को जुर्माने के साथ खारिज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि येधमकी नहीं थी. सीबीआई का आरोप गलत है.
दरअसल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने का अनुरोध अदालत से किया था. आज इस मामले में तेजस्वी यादव 10 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए हैं. सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की अर्जी लगाते हुए कोर्ट से कहा था कि वो एजेंसी को धमकाने वाले बयान दे रहे हैं, ऐसे में उनकी जमानत रद्द की जाए. इस पर कोर्ट ने तेजस्वी यादव को 18 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और जबाब दाखिल करने के लिए कहा था.
क्या कहा था तेजस्वी ने
पटना में तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था की,"क्या सीबीआई अधिकारियों की मां बहनें और बच्चे नहीं होते? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे रिटायर नहीं होंगे? सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करना चाहिए"
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क्या है मामला
यह मामला एक निजी कंपनी को आईआरसीटीसी के दो होटल का परिचालन अनुबंध देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. अदालत ने अक्टूबर 2018 में मामले में जारी समन के आलोक में पेशी के बाद तेजस्वी यादव को जमानत दे दी थी. वहीं सीबीआई की जमानत रद्द करने की मांग पर तेजस्वी यादव ने कहा था कि सभी केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग उनके आवास पर अपने-अपने कार्यालय खोल सकती हैं.
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