हैदराबाद:
ईरान ने भारत सरकार से अपने वीजा मानदंडों में ढील देने और भारत आने वाले अपने नागरिकों को आगमन पर वीजा की सुविधा प्रदान करने को कहा है।
हैदराबाद में ईरान के महावाणिज्य दूत हसन नूरियां ने कहा कि फिलहाल 10 हजार से अधिक ईरानी छात्र भारत और खासतौर पर दक्षिण भारत में 6000 ईरानी छात्र विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं।
ईरान और भारत की जनता के बीच संबंधों को सुचारू बनाने के लिए ईरान की सरकार ने भारतीय पर्यटकों, व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के लिए वीजा नियमों में ढील दे दी है।
नूरियां ने कहा, ‘‘ईरान ने पहले ही हमारे देश आने वाले सभी भारतीयों को ‘आगमन पर वीजा’ की सुविधा दी है। भारत को पहल करनी चाहिए और इसी तरह की सुविधा ईरानियों को देनी चाहिए।’’ राजनयिक ने कहा कि नई दिल्ली में ईरानी दूतावास पहले ही वीजा मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के संपर्क में है और सकारात्मक नतीजा आने की उम्मीद करता है जो सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को विकसित करेगा।
उन्होंने कहा कि अगर भारत ने अपने वीजा नियमों में ढील दी तो और अधिक ईरानी छात्र शिक्षा के लिए भारत आना चुन सकते हैं। अन्यथा वे मलेशिया या अन्य यूरोपीय देशों को चुन सकते हैं।
नूरियां ने कहा कि हैदराबाद में ईरान का महा वाणिज्य दूतावास अपने देश में इस्लामी क्रांति की 34 वीं सालगिरह पर 10 फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन करेगा। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सी दामोदर राजनरसिंह समेत अन्य गणमान्य लोग समारोह में हिस्सा लेंगे।
हैदराबाद में ईरान के महावाणिज्य दूत हसन नूरियां ने कहा कि फिलहाल 10 हजार से अधिक ईरानी छात्र भारत और खासतौर पर दक्षिण भारत में 6000 ईरानी छात्र विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं।
ईरान और भारत की जनता के बीच संबंधों को सुचारू बनाने के लिए ईरान की सरकार ने भारतीय पर्यटकों, व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के लिए वीजा नियमों में ढील दे दी है।
नूरियां ने कहा, ‘‘ईरान ने पहले ही हमारे देश आने वाले सभी भारतीयों को ‘आगमन पर वीजा’ की सुविधा दी है। भारत को पहल करनी चाहिए और इसी तरह की सुविधा ईरानियों को देनी चाहिए।’’ राजनयिक ने कहा कि नई दिल्ली में ईरानी दूतावास पहले ही वीजा मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के संपर्क में है और सकारात्मक नतीजा आने की उम्मीद करता है जो सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को विकसित करेगा।
उन्होंने कहा कि अगर भारत ने अपने वीजा नियमों में ढील दी तो और अधिक ईरानी छात्र शिक्षा के लिए भारत आना चुन सकते हैं। अन्यथा वे मलेशिया या अन्य यूरोपीय देशों को चुन सकते हैं।
नूरियां ने कहा कि हैदराबाद में ईरान का महा वाणिज्य दूतावास अपने देश में इस्लामी क्रांति की 34 वीं सालगिरह पर 10 फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन करेगा। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सी दामोदर राजनरसिंह समेत अन्य गणमान्य लोग समारोह में हिस्सा लेंगे।
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