केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने इंडियन बैंक में चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट (सीपीटी) की 100.57 करोड़ रुपये से अधिक की सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) को बंद करके कथित रूप से धोखाधड़ी के मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में इंडियन बैंक के कोयम्बेडु शाखा के उस समय रहे ब्रांच मैनेजर सहित 18 लोगों का नाम शामिल किया गया है. इंडियन बैंक को कई सावधि जमाओं के फोरक्लोजिंग व प्रीक्लोजिंग से कथित रूप से लगभग 45.40 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इंडियन बैंक के जोनल ऑफिस-चेन्नई (उत्तर) की शिकायत पर सीबीआई ने पिछले साल 31 जुलाई को बैंक के कोयम्बेडु शाखा के उस समय रहे ब्रांच मैनेजर, निजी व्यक्तियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.इन पर बैंक ने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट की सावधि जमा को बंद कर धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे. इन लोगों पर साजिश रचने, प्रतिरूपण, झूठे दस्तावेजों का निर्माण, फर्जी दस्तावेज जमा करने, आपराधिक धांधली, विश्वास भंग करने, धोखाधड़ी आदि जैसे आरोप लगाए गए थे. इंडियन बैंक को इसके कारण कथित रूप से लगभग 45,40,65,000 रुपए का घाटा हुआ है.
कुछ समय पहले तमिल नाडु और केरल में कुल 28 जगहों पर छापेमारी की गई थी जहां से कई सबूत जुटाए गए थे. इस पड़ताल के दौरान दो विदेशियों व उस समय रहे बैंक मैनेजर सहित 12 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. फिलहाल ये लो न्यायिक हिरासत में हैं. जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के पास उपलब्ध अधिशेष नकदी के निवेश की स्थिति का कथित रूप से सीमित निविदा प्रक्रिया के माध्यम से ब्याज अर्जन करने के लिए बैंकों के पास टर्म डिपॉजिट/फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में निवेश आकर्षित करने की इच्छा का भी फायदा उठाया.
इस मामले में आरोप यह भी है कि जालसाजों ने स्थित का फायदा उठाने के लिए शाखा प्रबंधक और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट से भी संपर्क किया और बैंक प्रबंधक को निविदा में भाग लेने के लिए लुभाया/प्रेरित किया. आरोप है कि अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इस साजिश में बैंक मैनेजर ने प्रस्तावित निवेश को स्वीकार किया और बोली जीतने के इरादे से बैंक की अधिकतम स्वीकार्य ब्याज दर की तुलना में प्रस्तावति निवेश के लिए कहीं ज्याद ब्याज दर कोट किया और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट की ओर से जारी बिडिंग में सक्रिय रूप से भाग लिया. इंडियन बैंक की कोयम्बेडु शाखा को चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के पांच टेंडर हासिल करने में सफलता प्राप्त हुआ और इस तरह माई से मई 2020 के बीच बैंक को करीब 100.57 करोड़ रुपए की सावधि जमा के रूप में निवेश प्राप्त हुआ.
यह भी आरोप लगाया गया कि एफडी बनने के बाद निवेश के एवज में मिलने वाली एफडी रसीदों(बॉन्ड) को शाखा प्रबंधक ने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट को देने की बजाए जालसाजों को सौंप दिया. वहीं सीपीटी को ओरिजनल एफडी रसीदों की जगह फर्जी एफडी रसीदें दे दीं. इसके बाद असली एफडी रसीदों को बैंक में प्रीक्लोजर रिक्वेस्ट के साथ जमा किया गया. एक आरोपी ने खुद को चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट का अधिकारी बताते हुए सीपीटी के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के साथ फर्जी करंट अकाउंट खोला ताकि सारी रकम इसमें ट्रांसफर की जा सके.
बाद में कई लोगों से कई बैंक खातों का ब्यौरा एकत्र किया गया और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के नाम से फर्जी अनुरोध पत्र के आधार पर उनके खातों में पैसा ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद इन खातों से पैसा निकाल कर जालसाजों ने पहले से तय की गई कमिशन के आधार पर आपस में बांट लिया।
सीबीआई की चार्जशीट में शामिल नामों की सूची:
1. ए. सेरमथी राजा,उस समय रहे ब्रांच प्रबंधक, इंडियन बैंक, कोयम्बेडु ब्रांच, चेन्नई
2. वी. सुडलईमुथु
3. वी. मणिमोझी
4. एन. गणेश
5. जे सेलवाकुमार
6. ए. अरुण
7. एम. विजय हेराल्ड या हेराल्ड विजयन
8. एम. राजेश सिंह
9. एस. सियाध
10. एस. अफसर
11. के. जाकिर हुसैन
12. वी. एस. अरुमुघम
13. वी. जगन
14. एम. मोहम्मद सियाद
15. एम. जॉन मेंटो
16. एस. एच. नूर मोहम्मद
17. सी. मेलदर
18. ए. मथुसूदनन
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